दिल्ली 2025 पैरा एथलेटिक्स: ‘वीराज’ और लोगो में दिखी भारत की संस्कृति, साहस और समावेश की झलक

जेएलएन स्टेडियम में 26 सितंबर से होगा दुनिया का सबसे बड़ा पैरा एथलेटिक्स टूर्नामेंट, 100 से ज्यादा देशों के खिलाड़ी लेंगे हिस्सा
भारत पहली बार वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेज़बानी करने जा रहा है, जिसके तहत टूर्नामेंट का आधिकारिक लोगो और मास्कॉट ‘वीराज’ पेश किया गया। ये दोनों प्रतीक न केवल भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता को दर्शाते हैं, बल्कि पैरा खिलाड़ियों के हौसले, आत्मबल और जुझारूपन की भावना को भी जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं।
वीराज: एक प्रेरणादायक प्रतीक
मास्कॉट ‘वीराज’, एक छोटा, जीवंत हाथी है, जो प्रोस्थेटिक रनिंग ब्लेड के साथ दौड़ने को तत्पर दिखता है। संस्कृत शब्द ‘वीराज’ का अर्थ है – तेजस्विता और उत्कृष्टता। इसकी आत्मविश्वास भरी मुस्कान, दृढ़ नज़रें और टूर्नामेंट लोगो वाली वेशभूषा इसे खास बनाती हैं। वीराज सिर्फ एक शुभंकर नहीं, बल्कि हर उस खिलाड़ी का प्रतीक है जो कभी हार नहीं मानता और हर उस युवा की आशा है जो सपनों का पीछा करने की हिम्मत करता है।
लोगो में भारत की आत्मा और खेल की शक्ति
टूर्नामेंट का लोगो एक गोलाकार आकृति में डिज़ाइन किया गया है जो गति और समावेशिता को दर्शाता है। इसके केंद्र में एक पैरा एथलीट को रेसिंग व्हीलचेयर में दिखाया गया है, जो हिम्मत, फुर्ती और ध्यान का प्रतीक है। इसके चारों ओर मोर, हाथी, सितार और चरखा जैसे सांस्कृतिक चिन्ह भारत की पहचान को रेखांकित करते हैं। लोटस टेम्पल का चित्र दिल्ली की आत्मा और भारतीय अतिथ्य भाव को प्रस्तुत करता है, जबकि केसरिया, गहरा नीला और मैजेंटा जैसे रंग इसके ऊर्जा, विविधता और समावेशिता के प्रतीक हैं।
भारत की तैयारियों की दुनिया को झलक
यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट 27 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होगा, जिसमें 100 से अधिक देशों के 1700 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
पैरा ओलंपिक समिति (PCI) के महासचिव जयवंत ने कहा,
“दुनिया की सबसे बड़ी पैरा स्पोर्ट्स चैंपियनशिप की मेज़बानी भारत के लिए गर्व की बात है। यह आयोजन भारत की वैश्विक खेल क्षमताओं को दर्शाता है और 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के इरादों को भी मजबूती देता है।”
PCI के निदेशक सत्य बाबू ने कहा,
“वीराज सिर्फ मास्कॉट नहीं, बल्कि साहस और उम्मीद का प्रतीक है। उसकी कहानी हर उम्र के व्यक्ति, खासकर युवाओं और खिलाड़ियों को प्रेरणा देगी। वह इन चैंपियनशिप्स की आत्मा है — समावेशिता, उत्कृष्टता और न रुकने वाली भावना।”
संस्कृति, खेल और आत्मबल की साझी कहानी
‘वीराज’ और लोगो मिलकर एक ऐसी कहानी रचते हैं जो भारत की संस्कृति, समावेशिता और खेलों के ज़रिए सामाजिक बदलाव की ताकत को सामने लाते हैं। जैसे-जैसे दिल्ली 2025 की तैयारियां तेज़ हो रही हैं, ये प्रतीक दुनिया को यह संदेश दे रहे हैं कि भारत तैयार है — हौसले, संस्कृति और खेल के साथ दुनिया को जोड़ने के लिए।
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