34.1 C
New Delhi
Sunday, October 1, 2023
होमदेश-विदेशसाइप्रस में 3 लाख बिल्लियों की मौत! कौन सी बीमारी से हो...

साइप्रस में 3 लाख बिल्लियों की मौत! कौन सी बीमारी से हो रही मौत, इंसानों को कितना खतरा?

नई दिल्ली।

मध्य पूर्व के देश साइप्रस में 3 लाख से अधिक बिल्लियों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि बिल्लियों की मौत के पीछे एक खतरनाक वायरस का हाथ है। इस वायरस ने अब ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों में भी डर पैदा कर दिया है। पिछले हफ्ते कैट प्रोटेक्शन एंड वेलफेयर सोसाइटी (पीएडब्ल्यूएस) साइप्रस के प्रमुख डिनोस अयियोमामिटिस ने दावा किया था कि उनके देश में लगभग 3 लाख बिल्लियां (घरेलू और आवारा) फेलिन संक्रामक पेरिटोनिटिस (एफआईपी) से मर गई हैं। यह बीमारी एक वायरस के कारण फैल रही है। साइप्रस में बहुत बड़ी संख्या में बिल्लियां पाई जाती हैं। ऐसे में इस देश को बिल्लियों का द्वीप भी कहा जाता है।

बिल्लियों की मौत से टेंशन में ये देश

साइप्रस के इस दावे ने ब्रिटेन, लेबनान, तुर्की और इजरायल में चिंता को बढ़ा दिया है। इन सभी देशों में आवारा बिल्लियों की बड़ी आबादी रहती है। इन देशों में भी बिल्लियों की मौत की खबरें आ रही हैं, हालांकि उनकी तादाद अभी कम है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह कौन सा वायरस है जो बिल्लियों को मार रहा है। क्या यह वायरस इंसानों में भी फैल सकता है। इंसान हाल में ही कोरोना वायरस जैसी घातक महामारी से उबरे हैं। ऐसे में किसी दूसरी महामारी का नाम सुनकर ही लोगों में डर पैदा हो रहा है।

इस बीमारी से मर रही बिल्लियां

बिल्लियों की मौत एफआईपी फेलिन कोरोना वायरस (एफसीओवी) के कारण होने वाली बीमारी से हो रही है। एफसीओवी बिल्लियों में एक आम और संक्रामक वायरस है जो उनके मल से फैलता है। अधिकांश बिल्लियों में इस बीमारी का लक्षण नहीं दिखता है। ज्यादातर मामलों में अगर उनमें लक्षण दिखाई देता है तो वह सिर्फ दस्त तक ही सीमित होता है। वायरस अगर फेलिन संक्रामक पेरिटोनिटिस (एफआईपी) में बदल जाता है, तो यह लगभग हमेशा घातक होता है। एफआईपी के लक्षणों में बुखार, पेट में सूजन, कमजोरी और कभी-कभी बिल्लियों में आक्रामकता भी शामिल है। एक पशु विशेषज्ञ ने कहा है कि छह महीने से दो साल की उम्र के बीच की बिल्लियां एफआईपी के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होती हैं।

यह बीमारी कितनी खराब

साइप्रस में पशु चिकित्सकों ने नोट किया कि एफआईपी मामलों की संख्या 2021 और 2022 में तीन और चार से बढ़कर जनवरी में 98 तक पहुंच गए थे। पीएडब्लूएस के डिनोस अयियोमामिटिस ने कहा कि ये सभी वे मामले थे, जिन्हें आधिकारिक रूप से डिटेक्ट किया गया। यानी वास्तविक संख्या कई गुना अधिक हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि हमने जनवरी से एफआईपी के कारण 3 लाख बिल्लियों को खो दिया है। बाद में उन्होंने साइप्रस ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन को बताया कि यह आंकड़ा द्वीप की लगभग दस लाख बिल्लियों के बीच 20-30 प्रतिशत मृत्यु दर के अनुमान के आधार पर एक मोटी गणना थी। पशु चिकित्सकों के अनुसार, यह प्रकोप जनवरी में राजधानी निकोसिया में शुरू हुआ और तीन से चार महीनों के भीतर पूरे द्वीप में फैल गया।

साइप्रस में ही क्यों फैली यह बीमारी

सवाल उठता है कि यह बीमारी साइप्रस में ही क्यों फैली। इसका जवाब है कि साइप्रस को बिल्लियों के द्वीप के रूप में जाना जाता है। यहां हर जगह बिल्लियां घूमती हुई मिल जाएंगी। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि द्वीप की बिल्लियों की आबादी मानव आबादी के बराबर या उससे भी अधिक है। इससे वायरस का प्रसार आसान हो जाता है और कुछ लोगों को संदेह है कि एफसीओवी में भी उत्परिवर्तन हो सकता है, जिससे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। जैसे कोरोना वायरस के मामले में देखने को मिला।

क्या इंसानों को संक्रमित कर सकता यह वायरस

अभी तक ऐसा कोई भी सबूत देखने को नहीं मिला है। फेलीन कोरोना वायरस केवल जानवरों को संक्रमित करता है, इंसानों को नहीं। कॉर्नेल के फ़ेलिन हेल्थ सेंटर के अनुसार हमारी जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमित बिल्लियों से मनुष्यों में नहीं फैल सकता है। कई दूसरे विशेषज्ञों ने भी बताया कि यह वायरस मनुष्यों में संक्रामक नहीं है। हालांकि, जब कोविड-19 महामारी चल रही थी, तब कुछ बिल्लियों के कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने के मामले सामने आए थे। उस समय के एक अध्ययन से यह भी पता चला था कि बिल्लियां, कुत्तों की तुलना में वायरस से संक्रमित होने की अधिक संभावना रखती थीं।

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments