Zomato ने बढ़ाई डिलीवरी फीस: हर ऑर्डर पर अब 12 रुपये तक बढ़ा चार्ज
साधारण उपभोक्ताओं, छात्रों और बैचलर्स की जेब पर असर

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो ( Zomato ) ने अपनी डिलीवरी प्लेटफॉर्म फीस में 20% की बढ़ोतरी कर दी है। अब हर ऑर्डर पर यह शुल्क 12 रुपये तक पहुंच गया है। यह फैसला खासकर उन लोगों को प्रभावित करेगा जो रोज़ाना या बार-बार फूड डिलीवरी का उपयोग करते हैं—जैसे पीजी में रहने वाले छात्र, बैचलर्स और कामकाजी युवा।
एक छात्र जो महीने में औसतन 20 बार खाना ऑर्डर करता है, उसकी अतिरिक्त लागत लगभग 240 रुपये हो जाएगी।
बैचलर्स और साझा फ्लैट में रहने वाले लोग, जो अक्सर ग्रुप ऑर्डर करते हैं, उनके लिए भी कुल खर्च बढ़ेगा।
डिलीवरी बॉय की आय पर पड़ेगा क्या असर?
ज़ोमैटो के इस बढ़े हुए प्लेटफॉर्म शुल्क का सीधा लाभ डिलीवरी बॉय को नहीं मिलेगा। यह शुल्क कंपनी के प्लेटफॉर्म मेंटेनेंस और ऑपरेशनल लागत को पूरा करने के लिए जोड़ा जाता है। डिलीवरी एजेंट्स की आय मुख्य रूप से बेस पे और इंसेंटिव पर आधारित होती है, इसलिए इस बढ़ोतरी से उनके वेतन पर कोई सीधा असर नहीं होगा।
कंपनी का पक्ष और उपभोक्ता की प्रतिक्रिया
कंपनी का कहना है कि बढ़ती ईंधन लागत, डिलीवरी नेटवर्क के विस्तार और सर्विस की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यह बढ़ोतरी की गई है। हालांकि, सोशल मीडिया पर उपभोक्ताओं ने इस फैसले को लेकर नाराज़गी जताई है। कई लोग इसे अतिरिक्त बोझ मान रहे हैं और सुझाव दे रहे हैं कि कंपनी को वफादार ग्राहकों के लिए कुछ छूट या लॉयल्टी प्रोग्राम पेश करने चाहिए।
क्या होगा आगे?
- ज़ोमैटो की इस बढ़ोतरी से नियमित ग्राहकों का बजट बिगड़ सकता है।
- छात्रों और युवा पेशेवरों को अब ऑर्डर करते समय अतिरिक्त खर्च का ध्यान रखना होगा।
- प्रतिस्पर्धी कंपनियां जैसे स्विगी और अन्य फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म इसका फायदा उठाकर ग्राहकों को आकर्षित कर सकती हैं।
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