डॉ. के.ए. पॉल की प्रधानमंत्री को अपील — नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू का इस्तीफा लें; इज़राइल-ईरान तनाव पर जताई गहरी चिंता

नई दिल्ली, प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी और शांति दूत डॉ. के.ए. पॉल ने आज दिल्ली स्थित ए.पी. भवन में आयोजित एक आपातकालीन प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू का तत्काल इस्तीफा लेने की मांग की है। उन्होंने यह मांग हाल ही में एयर इंडिया की फ्लाइट 171 में हुई भीषण विमान दुर्घटना के मद्देनजर उठाई, जिसमें लगभग 300 लोगों की दुखद मृत्यु हुई थी।
डॉ. पॉल ने कहा कि इतनी संवेदनशील और तकनीकी जानकारी की मांग करने वाले मंत्रालय की जिम्मेदारी एक ऐसे व्यक्ति को देना, जो मात्र 37 वर्ष का है और जिसे विमानन क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं है, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है।
“मैं 1991 से निजी विमान का मालिक रहा हूं और जानता हूं कि यह क्षेत्र कितना जटिल है। राम मोहन नायडू के पास न अनुभव है, न ही इस क्षेत्र की आवश्यक समझ। इस दुर्घटना ने न केवल भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल किया है, बल्कि यह नेतृत्व की गंभीर विफलता भी दर्शाती है,” — डॉ. के.ए. पॉल
दुर्घटना में 169 भारतीयों के अलावा 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई नागरिक और कई विदेशी मेडिकल छात्र भी मारे गए। डॉ. पॉल ने इसे “भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी” करार देते हुए कहा कि इस दुखद घटना की जवाबदेही तय होनी चाहिए और नागरिक उड्डयन मंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
वैश्विक शांति की अपील: इज़राइल और ईरान को युद्ध से बचने का आग्रह
डॉ. पॉल ने केवल घरेलू मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से ईरान पर सैन्य कार्रवाई रोकने और ईरान के नेताओं से संयम बरतने की अपील की।
“अब और युद्ध नहीं। 56 युद्धों में करोड़ों जानें जा चुकी हैं और खरबों डॉलर बर्बाद हो चुके हैं। यह समय कूटनीति और संयम का है, न कि टकराव का,” — डॉ. के.ए. पॉल
डॉ. पॉल ने यह भी बताया कि वे पहले ईरान में राज्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जा चुके हैं और वहां मानवता की सेवा कर चुके हैं। उनका मानना है कि यदि यह संघर्ष बढ़ा तो इसके प्रभाव वैश्विक स्तर पर विनाशकारी होंगे, खासकर जब दोनों पक्षों के पीछे सामरिक गठबंधन खड़े हों।
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