Air pollution

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का संकट: वर्तमान स्थिति से दीवाली तक की चुनौतियां

नई दिल्ली, दिल्ली-NCR में सर्दियों की दहलीज पर पहुंचते ही वायु प्रदूषण फिर से चरम पर पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और अन्य एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार, 10 अक्टूबर को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 157 के स्तर पर पहुंच गया है, जो ‘अस्वास्थ्यकर’ (अनहेल्दी) श्रेणी में आता है। पीएम2.5 का स्तर 70 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम10 का 142 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों से कई गुना अधिक है। एक्यूआई मॉनिटरिंग साइट्स जैसे एक्यूआईसीएन और आईक्यूएयर के अनुसार, आरके पुरम और पूसा जैसे इलाकों में एक्यूआई 160-178 के बीच रहा, जो सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा रहा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 10 से 12 अक्टूबर तक हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ (मॉडरेट) श्रेणी में रह सकती है, लेकिन सर्द हवाओं की कमी से प्रदूषण का स्तर तेजी से बिगड़ सकता है।

दिल्ली सरकार की अब तक की कार्रवाई: 18-सूत्री योजना से क्लाउड सीडिंग तक

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए साल भर की रणनीति अपनाई है। जून 2025 में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘वायु प्रदूषण न्यूनीकरण योजना 2025’ लॉन्च की, जिसमें 18 प्रमुख बिंदु शामिल हैं। इस योजना के तहत सख्त वाहन नियम, एंटी-स्मॉग गन्स, क्लाउड सीडिंग, वृक्षारोपण और निर्माण स्थलों पर नियंत्रण जैसे कदम उठाए गए। सितंबर 2025 में 17-सूत्री विंटर एक्शन प्लान जारी किया गया, जिसमें विभागों को अक्टूबर तक तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया गया।

अगस्त 2025 तक दिल्ली में प्रदूषण संबंधी उल्लंघनों के लिए 5.95 लाख चालान जारी किए गए, जो वाहनों और निर्माण गतिविधियों पर सख्ती का प्रमाण है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने उच्च भवनों पर एंटी-स्मॉग गन्स लगाना अनिवार्य कर दिया है। हाल ही में, 7-9 अक्टूबर को क्लाउड सीडिंग का पहला ट्रायल किया गया, जो वर्षा उत्पन्न कर प्रदूषण कम करने का प्रयास था। इसके अलावा, सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 250 वाटर स्प्रिंकलर मशीनें और 70 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें तैनात की हैं। हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह योजना कई मापदंडों पर कमजोर पड़ सकती है, खासकर फसल अवशेष जलाने पर नियंत्रण में।

दीवाली 2025 पर प्रदूषण का अनुमान: पटाखों से एक्यूआई ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच सकता है

इस साल दीवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। अतीत के आंकड़ों के आधार पर, विशेषज्ञों का अनुमान है कि पटाखों के धुएं से दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई ‘गंभीर’ (सीवियर) श्रेणी (400+) में पहुंच सकता है, जैसा कि 2024 में हुआ था जब दीवाली के बाद एक्यूआई 500 के पार चला गया। कम हवा की गति और ठंडे मौसम से प्रदूषक कण वातावरण में फंस जाएंगे, जिससे सांस की बीमारियां, अस्थमा और हृदय रोगों के मामले 20-30% बढ़ सकते हैं। अगर हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से आएगी, तो पंजाब-हरियाणा के पराली जलाने का धुआं भी जुड़ जाएगा, जिससे प्रदूषण और तीव्र होगा।

सरकार की दीवाली योजना: ग्रीन पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट में अपील

दिल्ली सरकार ने दीवाली के लिए विशेष योजना बनाई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी ताकि प्रमाणित ग्रीन पटाखों पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए। सरकार का तर्क है कि पूर्ण प्रतिबंध विफल रहा है, और अधिकृत इकाइयों द्वारा बने ग्रीन पटाखे (जो 30% कम प्रदूषण फैलाते हैं) की अनुमति दी जानी चाहिए। 2024 में जनवरी 2025 तक सभी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध था, लेकिन इस बार संतुलन बनाने का प्रयास है। इसके साथ ही, एंटी-स्मॉग गन्स और वाटर स्प्रिंकलिंग को तेज किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला लेगा, जो पर्यावरण और परंपरा के बीच संतुलन साधेगा।

दीवाली के बाद प्रदूषण के कारण: पराली जलाना मुख्य खतरा

दीवाली के बाद प्रदूषण का प्रमुख कारण पराली (फसल अवशेष) जलाना है, जो अक्टूबर-दिसंबर में चरम पर होता है। पंजाब और हरियाणा के किसान धान की कटाई के बाद खेत साफ करने के लिए पराली जलाते हैं, जिसका धुआं गंगा घाटी में फैल जाता है। 2024 में दीवाली के ठीक बाद स्मॉग ने दिल्ली को घेर लिया, क्योंकि पराली जलाने से पीएम2.5 का स्तर 200% बढ़ गया। अन्य कारणों में वाहनों का धुआं, धूल, औद्योगिक उत्सर्जन और कम हवा की गति शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर पराली जलाने पर पूर्ण रोक नहीं लगी, तो नवंबर में एक्यूआई 500+ छू सकता है।

दिल्ली-एनसीआर के निवासियों से अपील है कि मास्क पहनें, आउटडोर गतिविधियां कम करें और सरकार की योजनाओं का समर्थन करें। प्रदूषण से लड़ाई सामूहिक प्रयासों से ही जीती जा सकती है। (आंकड़े सीपीसीबी और आईक्यूएयर से संकलित)

More From Author

FATF ने बिना पंजीकरण वाले विदेशी क्रिप्टो प्लेयर्स से जुड़े जोखिमों पर चेतावनी जारी की

FATF ने बिना पंजीकरण वाले विदेशी क्रिप्टो प्लेयर्स से जुड़े जोखिमों पर चेतावनी जारी की

World Mental Health Day पर आयरा खान ने साझा किया अपना अनुभव, बताया कैसे मिली उन्हें हिम्मत

World Mental Health Day पर आयरा खान ने साझा किया अपना अनुभव, बताया कैसे मिली उन्हें हिम्मत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *