कथक, सुगंध और भक्ति का संगम बना आकर्षण, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ने लंदन में बिखेरी अपनी छटा
लंदन, 8 अक्टूबर 2025
लंदन स्थित नेहरू सेंटर में 8 अक्टूबर को ‘श्री कृष्ण लीला कलेक्शन’ का अंतरराष्ट्रीय समर्पण समारोह अत्यंत भव्यता के साथ आयोजित किया गया। यह आयोजन भक्ति, कला और सुगंध का अद्भुत संगम बनकर सामने आया, जिसने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को एक नए कलात्मक और आध्यात्मिक रूप में प्रस्तुत किया। इस अवसर पर नेहरू सेंटर के उपनिदेशक श्री राकेश कुमार और प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना ऋचा श्रीवास्तव की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ “ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने” के पवित्र मंत्रोच्चार से हुआ, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। इसके पश्चात श्री कृष्ण लीला कलेक्शन पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसने इस कलेक्शन के पीछे छिपी प्रेरणा, शिल्प कौशल और आध्यात्मिक भावनाओं को सुंदरता से उकेरा। फिल्म के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि सुगंध भी भक्ति और संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति हो सकती है।
भक्ति की सुगंध से सजी भारतीय संस्कृति की छवि
रामालया और JPSR प्रभु श्रीराम के संस्थापक श्री प्रशांत कुमार ने इस अवसर पर कहा,
“यह कलेक्शन केवल सुगंध नहीं, बल्कि भक्ति और भावनाओं का प्रतीक है। भारत अपनी प्राचीन संस्कृति के माध्यम से विश्व को प्रेम, शांति और एकता का संदेश देता है।”
वहीं, नेहरू सेंटर के उप निदेशक श्री राकेश कुमार ने इस आयोजन को भारत की सांस्कृतिक कूटनीति का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा,
“सुगंध, नृत्य और कला का यह संगम भगवान कृष्ण के प्रेम और सामंजस्य के संदेश को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का प्रयास है।”

कथक नृत्य ने बांधा समा
कार्यक्रम का सबसे आकर्षक हिस्सा था प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना ऋचा श्रीवास्तव की प्रस्तुति ‘कृष्ण इन कथक’, जिसने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने कृष्ण की तीन प्रमुख लीलाओं को मनमोहक अभिव्यक्ति दी —
कालिया मर्दन : बुराई पर सत्य और प्रकृति की विजय का प्रतीक।
वस्त्र हरण : करुणा और रक्षक स्वरूप के रूप में श्रीकृष्ण का चित्रण।
राधा-कृष्ण ठुमरी : प्रेम और आत्मिक एकता का सुंदर संयोग।
ऋचा के भावपूर्ण नृत्य ने दर्शकों को कृष्ण की लीलाओं की गहराई में डुबो दिया।
श्री कृष्ण लीला कलेक्शन — सुगंध में समाई भक्ति की आत्मा
रामालया पहल के अंतर्गत JPSR प्रभु श्रीराम द्वारा तैयार यह अनोखा कलेक्शन भगवान कृष्ण की लीलाओं को सुगंध के माध्यम से प्रस्तुत करता है। इसमें माखनचोर की मासूमियत, गोवर्धन की कृतज्ञता, सुदामा की विनम्रता, और रास लीला के प्रेम को दर्शाने वाली विभिन्न सुगंधें शामिल हैं। यह कलेक्शन भारतीय शिल्पकला, भक्ति और कहानी कहने की कला का अद्भुत प्रतीक है।
विश्व को दिया प्रेम और एकता का संदेश
कार्यक्रम का समापन श्री कृष्ण लीला कलेक्शन को नेहरू सेंटर के प्रतिनिधियों को भेंट करने के साथ हुआ। यह भारत की ओर से विश्व को शांति, प्रेम और सौहार्द का प्रतीकात्मक उपहार था।
यह आयोजन न केवल भारतीय संस्कृति की महानता का प्रमाण बना, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत की सॉफ्ट पावर अब कला, सुगंध और आध्यात्मिकता के माध्यम से विश्व पटल पर नई दिशा में अग्रसर है।