रूस दौरे से पहले भारत का सख्त संदेश: “छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं”, आतंकवाद पर दो टूक रुख

  • सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली एयरपोर्ट से दिया कड़ा बयान
  • “भारत शांति चाहता है, लेकिन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा”
  • पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जवाब देने की तैयारी

नई दिल्ली। रूस दौरे पर रवाना होने से पहले भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद को लेकर देश के सख्त रवैये का स्पष्ट संकेत दिया। दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना होने से पूर्व प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि भारत किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और सुरक्षा के मामले में कोई ढील नहीं दी जाएगी

“शांति पसंद हैं, लेकिन आत्मरक्षा में पूरी ताकत लगाएंगे”: कैप्टन ब्रिजेश चौटा

भाजपा सांसद कैप्टन ब्रिजेश चौटा ने इस यात्रा को अपने लिए गर्व का विषय बताते हुए कहा कि पहली बार सांसद बनने के बाद यह दौरा उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा। उन्होंने कहा, “हम रूस में प्रधानमंत्री मोदी का यह कड़ा संदेश पहुंचाएंगे कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी कदम से पीछे नहीं हटेगा।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत ने पहले ही वैश्विक मंचों पर स्पष्ट कर दिया है कि “व्यापार और आतंक साथ नहीं चल सकते, और खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार का भारत हर स्तर पर करारा जवाब देगा।

“ऑपरेशन सिंदूर से स्पष्ट है, भारत आतंकवाद पर सख्त”: सांसद मित्तल

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद अशोक कुमार मित्तल ने भी पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने यह दिखा दिया है कि देश आतंकवाद को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान झूठा प्रचार कर रहा है कि भारत ने उसके आम नागरिकों और संस्थानों को निशाना बनाया, जबकि हमारा निशाना केवल आतंकी अड्डे थे।”

“परमाणु धमकियों से डरने वाला नहीं है भारत”

सांसद मित्तल ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार परमाणु हथियारों की धमकी देता है, लेकिन भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर हालात बिगड़े, तो भारत उसके परमाणु ठिकानों को भी जवाब देने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा, “भारत किसी देश को नुकसान पहुंचाने की मंशा नहीं रखता, लेकिन अगर हमारे देश पर हमला किया गया या आतंक थोपा गया, तो हम शांत नहीं बैठेंगे।”

वैश्विक मंचों पर भारत की रणनीति और भी आक्रामक

प्रतिनिधिमंडल का यह सख्त रुख ऐसे समय सामने आया है जब भारत अपनी वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति को और मजबूत करने में जुटा है। रूस दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल वहां की सरकार और रणनीतिक समूहों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा करेगा।

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