ओमेगा-3, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर ये बीज कभी-कभी नुकसान भी पहुँचा सकते हैं
हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं हैं चिया बीज
चिया सीड्स को लंबे समय से सुपरफूड माना जाता है। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है, जो वजन घटाने, हृदय स्वास्थ्य और पाचन सुधार में मदद करते हैं।
लेकिन, हर व्यक्ति का शरीर अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। कुछ लोगों में ये सीड्स एलर्जी, पाचन संबंधी परेशानी या दवाओं के साथ नकारात्मक असर पैदा कर सकते हैं। आइए जानते हैं किन स्थितियों में इनका सेवन टालना बेहतर है।
1. पाचन तंत्र कमजोर हो तो सावधान
चिया सीड्स में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। कमजोर पाचन या IBS, गैस, पेट दर्द और दस्त जैसी समस्याओं से पीड़ित लोगों में ये सीड्स परेशानी बढ़ा सकते हैं। पानी सोखकर ये बीज पेट में फूल जाते हैं, जिससे पाचन और कठिन हो सकता है।
2. ब्लड प्रेशर की दवा लेने वालों के लिए खतरा
चिया सीड्स में मौजूद पोटैशियम और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड रक्तचाप कम करने में मदद करते हैं। लेकिन यदि आप पहले से ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं, तो इनका सेवन रक्तचाप को जरूरत से ज्यादा गिरा सकता है, जिससे चक्कर या कमजोरी आ सकती है।
3. खून पतला करने वाली दवा के साथ न लें
ओमेगा-3 फैटी एसिड खून को पतला करता है। यदि आप पहले से ही खून पतला करने वाली दवा ले रहे हैं, तो चिया बीज के सेवन से चोट लगने या कटने पर खून बहने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
4. सीड्स से एलर्जी वाले लोग
तिल, सरसों या अलसी के बीजों से एलर्जी वाले लोगों को चिया बीज से भी प्रतिक्रिया हो सकती है। इसके लक्षणों में त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते, सांस लेने में कठिनाई या सूजन शामिल हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत सेवन बंद करें और चिकित्सक से मिलें।
5. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
आमतौर पर चिया सीड्स सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इनका अधिक सेवन हार्मोनल बदलाव या पाचन संबंधी समस्या ला सकता है। इसलिए इस अवस्था में इन्हें खाने से पहले डॉक्टर की राय लेना जरूरी है।
संतुलन और जागरूकता जरूरी
चिया सीड्स पोषण से भरपूर होते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि ये हर किसी के लिए लाभकारी हों। यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी समूह में आते हैं, तो सेवन से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें। सेहतमंद जीवन के लिए जागरूक रहना और संतुलित आहार अपनाना ही सबसे सही तरीका है।
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