GeM प्लेटफॉर्म से पारदर्शिता को मिला डिजिटल बल: प्रधानमंत्री मोदी ने साझा किया पीयूष गोयल का लेख

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार की डिजिटल खरीद प्रणाली GeM (Government e-Marketplace) पर केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा लिखा गया एक लेख साझा किया है। इस लेख के माध्यम से उन्होंने पारदर्शी शासन, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था और सरकारी खर्च में भारी बचत की दिशा में GeM की भूमिका को रेखांकित किया है।

GeM: हाशिए पर खड़े लोगों के लिए नए अवसरों का मंच

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —

“सरकार के पारदर्शी शासन की पहल को डिजिटल बल मिला है। @GeM_India हाशिए पर मौजूद वर्गों के लिए अवसरों के द्वार खोल रहा है, लालफीताशाही को समाप्त कर रहा है और भारी बचत सुनिश्चित कर रहा है।”

प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा लिखे गए इस लेख को “ज्ञानवर्धक” बताया और जनता को इसे पढ़ने की सलाह दी।

GeM कैसे बना ‘विकसित भारत 2047’ के विजन का आधार

पीयूष गोयल ने अपने पोस्ट में लिखा कि GeM अब प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन का प्रमुख स्तंभ बन चुका है। उन्होंने बताया कि यह प्लेटफॉर्म न केवल सरकारी खरीद को डिजिटल और पारदर्शी बना रहा है, बल्कि छोटे व्यवसायियों, MSMEs और स्टार्टअप्स को भी सरकारी टेंडर में भाग लेने का अवसर प्रदान कर रहा है।

उन्होंने लिखा —

“GeM प्लेटफॉर्म ने प्रवेश की बाधाओं को हटाया है, भ्रष्टाचार को समाप्त किया है और छोटे विक्रेताओं को सशक्त बनाया है।”

विश्लेषण: कैसे GeM बदल रहा है सरकारी खरीद की तस्वीर

  1. पारदर्शिता और जवाबदेही: GeM के माध्यम से सरकारी खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है।
  2. लालफीताशाही में कमी: पहले जहां सरकारी खरीद में कई स्तरों की स्वीकृति और दस्तावेज़ी प्रक्रिया होती थी, अब वही प्रक्रिया कुछ क्लिक में पूरी हो रही है।
  3. मूल्य में बचत: विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की खुली प्रतिस्पर्धा से सरकार को सस्ते और गुणवत्तापूर्ण विकल्प मिल रहे हैं, जिससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है।
  4. छोटे व्यापारियों को बढ़ावा: GeM ने छोटे व्यापारियों और महिला उद्यमियों को सीधे सरकारी एजेंसियों से जोड़ने का अवसर प्रदान किया है, जिससे उनका कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।

GeM न केवल एक डिजिटल पोर्टल है, बल्कि यह “नए भारत के नए शासन मॉडल” का प्रतीक बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री द्वारा इस लेख को साझा करना इस बात का संकेत है कि आने वाले वर्षों में सरकार डिजिटल रूपांतरण और पारदर्शिता को और अधिक मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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