मोहन यादव सरकार का 20वां लोन; लाड़ली बहना किस्त, स्थापना दिवस और कल्याण योजनाओं के लिए फंड
MP: मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस (1 नवंबर) से महज कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार एक और बड़ा कर्ज लेने की तैयारी में है। इस बार 5,200 करोड़ रुपये की उधारी होगी, जो सरकार के सत्ता में आने के बाद 20वां लोन होगा। इससे राज्य का कुल कर्ज बढ़कर 4.64 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
पिछला 3,000 करोड़ का कर्ज 1 अक्टूबर को दशहरा से ठीक पहले लिया गया था।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक नया कर्ज दो किस्तों में आएगा – पहली किस्त 2,700 करोड़ और दूसरी 2,500 करोड़। ये पैसे स्थापना दिवस समारोह, लाड़ली बहना योजना की किस्तें और अन्य कल्याण व सामुदायिक विकास योजनाओं के भुगतान के लिए जुटाए जा रहे हैं।
इस उधारी के साथ चालू वित्त वर्ष के सात महीनों में ही राज्य ने 42,600 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कर्ज ले लिया होगा। यह हाल के वर्षों में सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारों में चर्चा
कर्ज का समय और बढ़ता बोझ प्रशासनिक व राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े कर रहा है। अधिकारी कहते हैं कि पैसा चल रही परियोजनाओं व कल्याण योजनाओं के लिए है, लेकिन आलोचक इसे वित्तीय प्रबंधन की कमजोरी बता रहे हैं।
बस कुछ दिन पहले भाई दूज के मौके पर मुख्यमंत्री निवास में हजारों लाड़ली बहना लाभार्थी इकट्ठा हुई थीं। उन्हें त्योहार की प्रतीकात्मक 250 रुपये की राशि मिलने की उम्मीद थी, लेकिन फंड क्लियर न होने से वे निराश लौटीं। सीएम मोहन यादव ने आश्वासन दिया कि अगले महीने पुरानी 250 रुपये के साथ नई बढ़ी हुई 1,500 रुपये (पहले 1,250) की मासिक किस्त क्रेडिट कर दी जाएगी।
“नवंबर से हर बहन को हर महीने 1,500 रुपये मिलेंगे” – मुख्यमंत्री मोहन यादव
वित्त विभाग के सूत्र मानते हैं कि 250 रुपये की त्योहारी किस्त लिक्विडिटी दबाव व क्लियरेंस लेट होने से अटकी। पहले 15 अक्टूबर तक 1.26 करोड़ लाभार्थियों को 1,500 रुपये एकमुश्त देने की योजना थी, लेकिन इसे पहले दिवाली, फिर भाई दूज और अब नवंबर तक टाल दिया गया।
जून 2023 में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना के तहत अब तक 29 किस्तों में 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर हो चुके हैं। 250 रुपये की नई बढ़ोतरी से राज्य के मासिक खर्च में 300 करोड़ रुपये अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिससे वित्तीय कसावट और बढ़ेगी।