राजनीतिक स्वार्थ और युद्ध के खिलाफ एकजुटता की पुकार, 24 मई को ‘वैश्विक शांति दिवस’ मनाने की अपील
प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता और ग्लोबल पीस लीडर डॉ. के. ए. पॉल ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में अंतरराष्ट्रीय राजनीति में युद्ध और हथियारों के व्यापार को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज के नेता शांति के बजाय हथियारों की बिक्री को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ट्रंप पर रिश्वत और हथियारों की सौदेबाज़ी का आरोप
डॉ. पॉल ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर के एक अमीर शासक से 400 मिलियन डॉलर की रिश्वत ली, जिससे हथियारों की डील को बिना विरोध के आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, तब ट्रंप ने शांति प्रयासों से किनारा कर लिया। “भारत-पाक युद्ध भगवान और मैंने रोका, ट्रंप नहीं,” डॉ. पॉल ने कहा। उनके अनुसार, उस समय ट्रंप अरब देशों को हथियार बेचने में व्यस्त थे, जबकि कतर, सऊदी अरब और यूएई जैसे देश अपने भविष्य को लेकर डरे हुए थे।
भारत के आत्मनिर्भर रुख की वकालत
डॉ. पॉल ने भारत से अपील की कि वह अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं करे और किसी विदेशी ताकत पर निर्भर न रहे। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यदि सभी राजनीतिक दल एकजुट हो जाएं, तो भारत वैश्विक शांति का अगुवा बन सकता है।”
सभी धर्मों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के वकील और बौद्ध इंटरनेशनल फोरम फॉर पीस के अध्यक्ष आनंद एस. जोंधले और मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि अशरफी अकबर अली भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने शांति के समर्थन में एक स्वर में आवाज़ उठाई।
इंडिगो एयरलाइंस पर शांति सम्मेलन में बाधा डालने का आरोप
डॉ. पॉल ने भारत की इंडिगो एयरलाइंस पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने उन्हें तुर्की में आयोजित शांति सम्मेलन में जाने से रोका। उन्होंने इसे मानवता के कार्यों में राजनीतिक हस्तक्षेप का चिंताजनक उदाहरण बताया।
24 घंटे की वैश्विक शांति प्रार्थना का आह्वान
इन तमाम घटनाओं के बीच डॉ. पॉल ने 24 घंटे की वैश्विक शांति प्रार्थना और शांति दिवस मनाने की घोषणा की। यह आयोजन 24 मई की शाम 6 बजे से शुरू होकर 25 मई की शाम 6 बजे तक चलेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने घरों, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर कम से कम 5 मिनट शांति के लिए प्रार्थना करें।
प्रधानमंत्री और विपक्ष से भी एकजुटता की अपील
डॉ. पॉल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्षी नेताओं से आग्रह किया कि वे राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर महात्मा गांधी और सरदार पटेल की शांति परंपरा को अपनाएं। उन्होंने कहा, “भारत खुद की देखभाल करने में सक्षम है और पूरी दुनिया को शांति का संदेश दे सकता है।”
“भारत से हो शांति की शुरुआत”
कार्यक्रम के समापन पर सभी वक्ताओं ने संयुक्त रूप से अपील की कि 24 मई को भारत से शांति की शुरुआत हो और इसे “वैश्विक शांति दिवस” के रूप में मनाया जाए।