धर्मेंद्र

धर्मेंद्र: सिनेमा के असली ही-मैन, बचपन से लेकर बॉलीवुड की अमर प्रेम कहानी तक

89 वर्षीय धर्मेंद्र अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर; परिवार ने अफवाहों से दूर रहने की अपील की

बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र एक बार फिर सुर्खियों में हैं — इस बार अपने स्वास्थ्य को लेकर। 89 वर्षीय अभिनेता को सांस लेने में तकलीफ के बाद ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बेटी ईशा देओल के अनुसार, धर्मेंद्र की हालत स्थिर है और वे स्वस्थ हो रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैली फर्जी मौत की खबरों को नज़रअंदाज़ करने की अपील भी की है।

पत्नी हेमा मालिनी और बेटे सनी व बॉबी देओल उनके साथ मौजूद हैं। धर्मेंद्र के 90वें जन्मदिन (8 दिसंबर) से पहले यह पल मानो उनके जीवन को दोबारा याद करने का अवसर बन गया है — उस इंसान को, जिसने पर्दे पर मर्दानगी को सच्ची कोमलता के साथ परिभाषित किया।

धर्मेंद्र के जीवन से जुड़े 10 अनकहे किस्स

1. स्कूल की छड़ी से बचकर खेतों तक:
पंजाब के नसराली गांव में जन्मे धर्मेंद्र स्कूल से भागने वाले बच्चे थे। पिता शिक्षक थे और अनुशासन सख्त। क्लास 5 के बाद पढ़ाई छोड़कर खेतों में हाथ बंटाने लगे। सालों बाद जब उन्होंने फिल्मफेयर टैलेंट हंट जीता, मां ने कहा — “क्लास से भागे थे, मगर किस्मत ने पढ़ाई जारी रखी।”

2. हेमा मालिनी से निकाह:
पहली पत्नी प्रकाश कौर से विवाह के बावजूद, 1980 में धर्मेंद्र ने इस्लाम धर्म अपनाकर बांद्रा की मस्जिद में हेमा मालिनी से निकाह किया। यह रिश्ता आलोचनाओं से गुज़रा, लेकिन 45 साल बाद भी अटूट बना है।

3. ‘शोले’ में ₹20 के लिए बढ़ाया रोमांस:
फिल्म शोले की ट्रेन सीन के दौरान धर्मेंद्र ने लाइट बॉयज़ को ₹20 दिए ताकि वे हर टेक खराब कर दें — सिर्फ इसलिए ताकि हेमा मालिनी को गले लगाने का सीन लंबा चले। नतीजा: असली रोमांस कैमरे में कैद हो गया।

4. मीना कुमारी से मिला अभिनय का सलीका:
फूल और पत्थर जैसी फिल्मों में मीना कुमारी ने धर्मेंद्र को अभिनय की गहराई सिखाई। वे कहा करती थीं, “शब्दों के बीच की चुप्पी को सुनो।” यही सलाह धर्मेंद्र की अभिनय शैली की आत्मा बनी।

5. शर्मिला टैगोर से जन्मदिन का बंधन:
धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर का जन्मदिन एक ही दिन — 8 दिसंबर। दोनों ने चुपके चुपके और अनुपमा जैसी फिल्मों से दोस्ती को दशकों तक बनाए रखा।

6. एक साल में 7 हिट फिल्में:
1987 में धर्मेंद्र ने लगातार सात सुपरहिट फिल्में दीं — यह रिकॉर्ड आज तक किसी अभिनेता ने नहीं तोड़ा।

7. महिलाओं को दी बराबरी की जगह:
धर्मेंद्र ने हमेशा अपनी नायिकाओं को कहानी का केंद्र बनने दिया। बंदिनी में उन्होंने शक्ति की जगह संयम को चुना — और दर्शकों ने इसे सराहा।

8. वफादारी जो पैसे से ऊपर थी:
धर्मेंद्र ने उन निर्देशकों के लिए मुफ्त में काम किया जिन्होंने उनके संघर्ष के दिनों में साथ दिया था। उनके लिए रिश्ते सम्मान से ज़्यादा कीमती थे।

9. अधूरी फिल्म ‘बिच्छू’ की कहानी:
सई परांजपे की बिच्छू धर्मेंद्र का सबसे प्रयोगात्मक प्रोजेक्ट होने वाली थी, लेकिन बजट की कमी से फिल्म अधूरी रह गई। बाद में उनके बेटे बॉबी ने इसी नाम से फिल्म बनाई।

10. 300 फिल्मों में सिर्फ एक किस:
धर्मेंद्र ने कभी भी ग्लैमर के लिए सीमाएं नहीं लांघीं। दुश्मन देवता (1991) में डिंपल कपाड़िया के साथ उनका पहला और आखिरी ऑन-स्क्रीन किस था। उनका कहना था — “यह किरदार का हिस्सा था, उससे ज़्यादा कुछ नहीं।”

आज धर्मेंद्र अपने लोनावला फार्महाउस में सुबहें बिताते हैं — गायों के बीच, कविताएं लिखते हुए। उनकी कविताओं में वही विनम्रता झलकती है, जो उनके पूरे करियर में दिखाई दी।

देशभर से उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआएं मिल रही हैं। सच तो यह है कि धर्मेंद्र सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक भावना हैं — वह गर्मजोशी, जो सिनेमा और दर्शकों के बीच हमेशा ज़िंदा रहेगी।

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