दिल्ली मेट्रो किराया बढ़ा: फिर भी ऑटो और कैब य Rapido से किफायती, डीटीसी बस सबसे सस्ती
26 अगस्त 2025 से लागू नई दरें, यात्रियों पर बढ़ा 1 से 4 रुपये तक का बोझ दिल्ली मेट्रो ने अपना किराया संशोधित कर दिया है, जिसके तहत 32 किलोमीटर...

26 अगस्त 2025 से लागू नई दरें, यात्रियों पर बढ़ा 1 से 4 रुपये तक का बोझ
दिल्ली मेट्रो ने अपना किराया संशोधित कर दिया है, जिसके तहत 32 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए अब 50 रुपये की बजाय 54 रुपये चुकाने होंगे। वहीं, 12–21 किलोमीटर की यात्रा का किराया 30 रुपये से बढ़कर 32 रुपये कर दिया गया है। नई दरें 25 अगस्त 2025 से लागू हो चुकी हैं।
मेट्रो किराया वृद्धि: कारण और असर
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के अनुसार, यह बढ़ोतरी न्यूनतम स्तर पर रखी गई है ताकि परिचालन लागत, बिजली खर्च, मेंटेनेंस और नेटवर्क विस्तार के बढ़ते खर्च को संतुलित किया जा सके। DMRC की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, ऊर्जा लागत में पिछले वर्ष की तुलना में 11% की वृद्धि हुई है, वहीं स्टाफ और रखरखाव खर्च में भी करीब 8% बढ़ोतरी दर्ज की गई।
क्या अब भी मेट्रो सबसे सस्ता विकल्प है?
मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद भी यह ऑटो रिक्शा और ओला/उबर जैसी कैब सेवाओं की तुलना में काफी किफायती साबित हो रही है। उदाहरण के तौर पर:
15 किमी की दूरी: मेट्रो ₹32, जबकि ऑटो ₹113 और उबर कैब ₹189 तक।
32 किमी से अधिक दूरी: मेट्रो ₹54, जबकि कैब का औसत किराया ₹400 से ऊपर।
इससे साफ है कि ट्रैफिक रहित, समय की बचत करने वाला और पर्यावरण अनुकूल विकल्प के रूप में मेट्रो अभी भी बेहतर है।
डीटीसी बस: दिल्ली का सबसे सस्ता सफर
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसें मेट्रो से भी सस्ती हैं।
नॉन-एसी बसें: ₹5 से ₹15
एसी बसें: ₹10 से ₹25
डीटीसी को राज्य सरकार से सब्सिडी मिलती है, जिसकी वजह से यह किराया स्थिर है। दिल्ली सरकार की 2024 की वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, बस संचालन पर 38% तक सब्सिडी दी जाती है, जबकि मेट्रो को ऐसी कोई सीधी सब्सिडी नहीं मिलती।
परिवहन साधनों की विस्तृत तुलना
मेट्रो:
किराया: ₹32 (औसत 15-21 किमी)
समय: 15-20 मिनट
अतिरिक्त लाभ: ट्रैफिक रहित, एसी, बेहतर सुरक्षा।
डीटीसी बसें:
किराया: ₹5–₹15 (नॉन-एसी), ₹10–₹25 (एसी)
समय: ट्रैफिक के कारण अधिक
उपलब्धता: हर 5–10 मिनट पर
ऑटो रिक्शा:
शुरुआती किराया: ₹30 (1.5 किमी)
अतिरिक्त दर: ₹11 प्रति किमी
औसत खर्च (9 किमी): ₹113
अतिरिक्त शुल्क: ट्रैफिक और सामान पर निर्भर।
कैब सेवाएं (ओला/उबर):
औसत किराया (9 किमी): ₹189
विशेषताएं: एसी, ट्रैकिंग, सीधा पिकअप
कीमत में उतार-चढ़ाव: पीक आवर्स और अतिरिक्त शुल्क।
Rapido (बाइक/ऑटो) — किराया, फायदे और नुकसान
किराया संरचना: Rapido की बेस फेयर ₹20 और प्रति अतिरिक्त किमी ₹3 है
.फायदे:अन्य कैबों की तुलना में सस्ता—और विशेष कर बाइक टैक्सी में।
बहुत जल्दी उपलब्ध—आपात स्थिति में उपयोगी; हेलमेट की व्यवस्था कई बार मुफ्त होती है
.नुकसान:डिमांड ज्यादा होने पर surge pricing लागू हो सकता है (सरकार ने peak hours में बेस से 2× तक भार बढ़ाने की अनुमति दी है)
.उपयोगकर्ता अनुभव में गड़बड़ियाँ—उदाहरण: राइड शुरू होते समय अतिरिक्त टोल या अन्य चार्ज का अचानक दावा, या ड्राइवर द्वारा यात्रा बीच में रोक देना जैसी शिकायतें मिली हैं
कौन सा विकल्प कब सबसे उपयुक्त?
छोटा समय, तेज़ और सुविधाजनक सफर चाहिए → Delhi Metro (स्मार्ट कार्ड छूट सहित).
सबसे कम खर्च पर सफर — DTC बस (Non-AC) सबसे सस्ता विकल्प.
अगर तेज़ और दरअसल निजी सुविधा चाहिए — Rapido बाइक टैक्सी सस्ती और सुविधाजनक, लेकिन surge चार्ज का ख्याल रखें.
आरामदायक कैब चाहिये — Taxi/Uber/Ola महंगे लेकिन सुविधाजनक; surge समय में और भी महंगे हो सकते हैं.
रिपोर्ट्स
ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड पॉलिसी इंस्टीट्यूट (TRPI) की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली मेट्रो में किराया बढ़ोतरी से औसत यात्री खर्च में 7–9% की वृद्धि होगी, लेकिन कुल यात्रियों की संख्या पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ेगा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मेट्रो का औसत संचालन खर्च प्रति यात्री लगभग ₹42 है, जबकि यात्रियों से औसत वसूली ₹34 के करीब है।
जेब पर थोड़ा बोझ, फिर भी मेट्रो है बेहतर विकल्प
दिल्ली मेट्रो का किराया भले ही बढ़ा हो, लेकिन समय की बचत, आरामदायक यात्रा और पर्यावरण हितैषी परिवहन के लिहाज से यह अब भी सबसे उपयुक्त विकल्प है। हालांकि, सबसे कम खर्च वाला साधन अब भी डीटीसी बसें हैं।
ये भी पढे :- नेशनल भारत सेवक समाज और नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन बुनकरों और कारीगरों के
Leave a Comment