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कूड़े के पहाड़ में आग लगने पर दिल्ली सरकार कैबिनेट मंत्री ने सचिव से मांगी रिपोर्ट, दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस

नई दिल्ली।

दिल्ली के गाजीपुर में स्थित कूड़े के पहाड़ में आग लगने के बाद अब ताबड़तोड़ ऐक्शन लिया जा रहा है। दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने पर्यावरण विभाग के सचिव से रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने सचिव को निर्देश दिया है कि वो 48 घंटे के अंदर गाजीपुर लैंडफिट साइट में लगी आग को लेकर अपनी रिपोर्ट दें। मंत्री ने निर्देश दिया है कि सचिव यह बताएं कि आखिर कूड़े के पहाड़ में आग लगने की क्या वजह है?

गोपाल राय ने जो खत विभाग के सचिव को लिखा है उसमें यह भी कहा, ‘पिछले कुछ सालों में भी इस तरह की आग लगने की घटनाएं हुई हैं। घटनास्थल का मुआयना करने के बाद मैंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गाइडलाइंस भी दिए थे। जिसके बाद विभाग ने कई एजेंसियों को ऐसी आग पर काबू पाने के लिए लगाया था। लिहाजा इन एजेंसियों से इस संबंध में रिपोर्ट भी ली जाए।’

इसके साथ ही मंत्री ने सचिव से यह भी पूछा है कि भविष्य में ऐसी साइटों पर आग लगने से कैसे रोका जाए? इसके लिए भी वो रिपोर्ट तैयार कर दें। इधर अब दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरे की निजी सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश) और 278 (वातावरण को स्वास्थ्य के लिए घातक बनाना) के तहत केस दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग की घटना को लेकर अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है।

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर रविवार को आग लगी थी। इस आग के बाद वहां धुएं का गुब्बार उठ रहा था। कूड़े के पहाड़ में आग लगने की वजह से आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों को गले में खरास और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होने लगी थी। इस आग को काबू करने के लिए दमकल की करीब 14 गाड़ियां पहुंची थीं।

शुरू हो गई राजनीति

गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ में लगी आग पर सियासत भी खूब हो रही है। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने से मयूर विहार और कोंडली के आस-पास के इलाकों में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। नगर निगम के चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि वे दिसंबर 2023 तक इस लैंडफिल को हटा देंगे। अरविंद केजरीवाल शासित दिल्ली नगर निगम की यह आपराधिक लापरवाही है।

सचदेवा ने आगे कहा है, ‘साल 2017 से 2022 तक लगातार अरविंद केजरीवाल को गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बोलते देखा, लैंडफिल साइट पर रेड कार्पेट बिछवा कर निरीक्षण भी किया गया था और घोषणा की थी कि ‘हमारे पास प्लान भी है और पॉलिसी भी, हम दिल्ली से सभी कूड़े के पहाड़ों को हटा देंगे’। स्थिति इतनी बदतर है कि यहां 25 मशीनें तैनात की जानी चाहिए थीं लेकिन इनमें से आधी मशीनें काम नहीं कर रही हैं।’ केजरीवाल का पूरा फोकस दिल्ली को लूटने पर है, न उनसे दिल्ली सरकार का दायित्व संभल रहा है और न ही नगर निगम का, उन्हे इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिए।

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