सौर ऊर्जा सिर्फ बिजली नहीं, सशक्तिकरण और समावेशी विकास का माध्यम: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की आठवीं सभा का उद्घाटन, भारत ने दिखाया जलवायु परिवर्तन से लड़ने का संकल्प

नई दिल्ली, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की आठवीं सभा के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि आईएसए मानवता की साझा आकांक्षा का प्रतीक है – सौर ऊर्जा को समावेश, गरिमा और सामूहिक समृद्धि के स्रोत के रूप में उपयोग करना।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। इस खतरे से निपटने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। भारत जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और दृढ़ कदम उठा रहा है। आईएसए इस वैश्विक चुनौती से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि समावेश की अवधारणा भारत के विकास यात्रा को परिभाषित करती है। सबसे दूरस्थ क्षेत्रों में घरों को रोशन करने का हमारा अनुभव इस विश्वास की पुष्टि करता है कि ऊर्जा समानता ही सामाजिक समानता की नींव है। किफायती और स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच समुदायों को सशक्त बनाती है, स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देती है और बिजली आपूर्ति से कहीं आगे अवसर पैदा करती है। सौर ऊर्जा सिर्फ बिजली उत्पादन नहीं, बल्कि सशक्तिकरण और समावेशी विकास का माध्यम है।

सभी सदस्य देशों से राष्ट्रपति ने आग्रह किया कि वे बुनियादी ढांचे से आगे सोचें और लोगों के जीवन पर ध्यान दें। इस सभा को सौर ऊर्जा को रोजगार सृजन, महिलाओं के नेतृत्व, ग्रामीण आजीविका और डिजिटल समावेश से जोड़ने वाली सामूहिक कार्ययोजना बनानी चाहिए। हमारी प्रगति को सिर्फ मेगावाट में नहीं, बल्कि रोशन हुए जीवन, मजबूत हुए परिवारों और बदलते समुदायों की संख्या में मापा जाना चाहिए। प्रौद्योगिकी विकास और उन्नत तकनीकों को सभी के साथ साझा करने पर भी जोर होना चाहिए। बड़े पैमाने पर सौर संयंत्र लगाते समय क्षेत्र के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि हरित ऊर्जा की ओर मुड़ने का मूल कारण ही पर्यावरण संरक्षण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमें न सिर्फ अपने देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए और वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ भावी पीढ़ियों के लिए भी अधिक समर्पण से काम करना चाहिए। उन्हें विश्वास है कि इस सभा की चर्चाएं और निर्णय सौर ऊर्जा उत्पादन में मील का पत्थर साबित होंगे, जो समावेशी और न्यायपूर्ण विश्व के निर्माण में योगदान देंगे।

More From Author

दिल्ली पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष पारुल सिंह को समाजसेवियों ने किया सम्मानित

MP नवंबर में लेगा 5,200 करोड़ का कर्ज, कुल कर्ज 4.64 लाख करोड़ पार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *