दिल्ली का प्रतिष्ठित इंडिया गेट अब नए नियमों के तहत पिकनिक स्थल नहीं रह गया है। अधिकारियों ने खाने-पीने की वस्तुएं, बैग, लगेज और पालतू जानवरों को इंडिया गेट परिसर में लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय लगातार बढ़ती गंदगी, अनुशासनहीन भीड़ और स्मारक की गरिमा को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें इंडिया गेट के चारों ओर मैदान में प्लास्टिक की बोतलें, चिप्स के पैकेट, खाने के डिब्बे और अन्य कूड़ा बिखरा हुआ दिखाई दे रहा है। इस वीडियो ने प्रशासन को कड़ी प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर दिया।
नए नियम क्या हैं?
- बैग, टिफिन, थैले, ट्रॉली आदि परिसर में प्रतिबंधित हैं।
- खाने-पीने की किसी भी चीज को अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
- पालतू जानवरों के साथ परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- सार्वजनिक रूप से गंदगी फैलाने पर दंड लगाया जाएगा।
वीडियो का असर
वीडियो में दिखाई गई स्थिति ने इंडिया गेट के सौंदर्य और गरिमा को चोट पहुंचाई है। स्मारक के चारों ओर कूड़े के ढेर और अस्त-व्यस्तता ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया — क्या हम विश्वस्तरीय धरोहरों की देखभाल के लायक हैं?
इन आदतों के दुष्परिणाम:
- पर्यावरण प्रदूषण:
खुले मैदान में कूड़े से मिट्टी और जल स्रोत प्रदूषित होते हैं। - सार्वजनिक छवि धूमिल:
विदेशी पर्यटक जब इस दृश्य को देखते हैं तो देश की छवि खराब होती है। - ऐतिहासिक स्थलों का क्षरण:
प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट स्मारकों की दीवारों और वातावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। - सुरक्षा खतरा:
बेतरतीब भीड़ और सामान के ढेर से सुरक्षा व्यवस्था कमजोर पड़ती है।
समाधान क्या हो सकता है?
- सख्त निगरानी और CCTV:
क्षेत्र में कैमरे और गार्ड की तैनाती बढ़ाई जाए। - सार्वजनिक जागरूकता अभियान:
“स्वच्छ इंडिया गेट” जैसे अभियान चलाए जाएं। - फूड ज़ोन का निर्माण बाहर:
इंडिया गेट के बाहर निश्चित स्थानों पर पिकनिक ज़ोन और फूड स्टॉल की अनुमति हो। - दंड प्रणाली लागू हो:
गंदगी फैलाने पर तुरंत जुर्माना लगाया जाए। - शिक्षण संस्थानों और ट्रैवल गाइड्स को जिम्मेदार बनाया जाए कि वे पर्यटकों को नियमों की जानकारी दें।
सरकार और NDMC का संदेश:
“इंडिया गेट हमारी शान है, इसकी सुरक्षा और स्वच्छता हमारी जिम्मेदारी है। कृपया स्मारकों का सम्मान करें और सार्वजनिक जगहों को स्वच्छ बनाए रखें।”
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