"अभी नहीं थमा संघर्ष" — डॉ. केए पॉल की अपील के बाद निमिषा प्रिया की रिहाई पर गहराई उम्मीदें

“अभी नहीं थमा संघर्ष” — डॉ. के.ए. पॉल की अपील के बाद निमिषा प्रिया की रिहाई पर गहराई उम्मीदें

भारत सरकार, यमन प्रशासन और धर्मगुरुओं की त्रिस्तरीय कोशिशें ला सकती हैं परिणाम

नई दिल्ली 22 जुलाई 2025

यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द कर दी गई है। यह जानकारी ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और ईसाई प्रचारक डॉ. केए पॉल ने मंगलवार देर रात यमन की राजधानी सना से एक वीडियो संदेश के माध्यम से दी।

डॉ. पॉल ने बताया कि भारतीय और यमनी नेताओं ने लगातार दस दिनों तक दिन-रात कोशिश कर यह सफलता हासिल की है। उन्होंने यमन के नेताओं की “शक्तिशाली और प्रार्थनापूर्ण कोशिशों” के लिए आभार व्यक्त किया।

भारत सरकार और प्रधानमंत्री का आभार

डॉ. पॉल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने कूटनीतिक स्तर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए निमिषा की रिहाई सुनिश्चित की। उन्होंने बताया कि निमिषा को यमन की जेल से निकालकर सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके लिए ओमान, जेद्दा, मिस्र, ईरान या तुर्की में लॉजिस्टिक्स की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है।

भारत सरकार की सक्रिय भूमिका


विदेश मंत्रालय (MEA) भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पिछले सप्ताह जानकारी दी थी कि यमन की जटिल कानूनी प्रक्रिया में परिवार की मदद के लिए एक वकील नियुक्त किया गया है। शरिया कानून के तहत क्षमादान (दीया) के प्रावधानों की भी जांच की जा रही है।

जायसवाल ने कहा, “यह मामला अत्यंत संवेदनशील है। भारत सरकार हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। हमने नियमित कांसुलर यात्राओं का भी प्रबंध किया है, ताकि निमिषा की भलाई सुनिश्चित की जा सके और उनका अपने परिवार से संवाद बना रहे।” उन्होंने यह भी बताया कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया था, जिससे बातचीत की गुंजाइश बनी।

धार्मिक हस्तक्षेप और मानवीय अपील

इस मामले में धार्मिक स्तर पर भी प्रयास हुए हैं। यमन के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबू बक्र अहमद कंथपुरम ने यमनी इस्लामी विद्वानों से संपर्क कर निमिषा की रिहाई की अपील की। उन्होंने कहा कि इस्लामी कानून में हत्या के मामलों में ‘दीया’ (मुआवजा) का विकल्प मौजूद है और इसी आधार पर दोषियों से दीया स्वीकार करने का सुझाव दिया गया

मुफ्ती कंथपुरम ने स्पष्ट किया कि वे निमिषा के धर्म के नहीं, बल्कि उसकी मानवता के आधार पर यह अपील कर रहे हैं। उनकी इस पहल के बाद यमन में प्रस्तावित फांसी की तारीख को स्थगित कर दिया गया, जिसे धार्मिक और कूटनीतिक प्रयासों की संयुक्त सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

कौन हैं निमिषा प्रिया?

निमिषा प्रिया, 37 वर्षीय एक भारतीय नर्स हैं जो केरल की निवासी हैं। उन पर यमन की एक ट्रायल कोर्ट ने हत्या का आरोप तय किया था। नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने इस सजा को बरकरार रखते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई थी, जो 16 जुलाई 2025 को लागू की जानी थी ।

यह मामला भारत में विशेष रूप से केरल में अत्यधिक संवेदनशील बना रहा। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी निमिषा की फांसी की स्थगन पर राहत जताई थी और कहा था कि वे इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

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