वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 4वीं उच्चस्तरीय बैठक, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी रहे मौजूद
नई दिल्ली, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दिल्ली सरकार के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा सहित सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी उपस्थित रहे।
यह बैठक दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए चल रहे प्रयासों की समीक्षा करने के उद्देश्य से आयोजित की गई चौथी उच्चस्तरीय बैठक थी।
फसल अवशेष जलाने पर निगरानी और किसानों को प्रशिक्षण का निर्देश
मंत्री यादव ने निर्देश दिया कि हर जिले में फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) की ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए और पूरे साल पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी की जाए। उन्होंने जिला प्रशासन को यह भी कहा कि किसानो को सीआरएम मशीनों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाए और इन मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
नगर निकायों को कचरा प्रबंधन पर सख्त चेतावनी
श्री यादव ने कहा कि नगर निगमों को खुले में ठोस अपशिष्ट (MSW) जलाने पर पूरी तरह रोक लगानी होगी। उन्होंने NCR के नगर निकायों को आदेश दिया कि लेगेसी वेस्ट (पुराने कचरे) के निस्तारण में तेजी लाने के लिए स्पष्ट समयसीमा तय करें और इस पर सख्ती से अमल करें। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न एजेंसियां अलग-अलग न होकर साझा रूप से काम करें और एक-दूसरे से बेहतर प्रथाओं को साझा करें।
उद्योगों और सड़कों पर नियंत्रण उपायों की समीक्षा
मंत्री ने बताया कि रेड कैटेगरी उद्योगों में ऑनलाइन कंटिन्युअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम (OCEMS) और एयर पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस (APCD) की स्थापना मिशन मोड में की जानी चाहिए।
उन्होंने सड़क धूल नियंत्रण के लिए शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में चल रहे रोड री-डेवलपमेंट रोडमैप्स की समीक्षा की और कहा कि सड़क निर्माण कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं।
यादव ने कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन (C&D) वेस्ट के संग्रह और प्रसंस्करण में कमियों को दूर करने पर जोर दिया तथा कहा कि सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
हरित आवरण बढ़ाने और यातायात प्रबंधन पर भी ध्यान
पर्यावरण मंत्री ने सड़कों के किनारे हरित पट्टियों (ग्रीन बेल्ट) के विकास को भी प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम और वन विभाग मिलकर नर्सरी तैयार करें, ताकि वृक्षारोपण के माध्यम से क्षेत्र के हरित आवरण को बढ़ाया जा सके।
उन्होंने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया कि भीड़भाड़ वाले इलाकों के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाए और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाए, ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई
मंत्री भूपेंद्र यादव ने दोहराया कि केंद्र सरकार जनसहभागिता और समन्वित प्रयासों के माध्यम से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बैठक में CAQM, CPCB, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब सरकारों, एनसीआर नगर निगमों के आयुक्तों, तथा अन्य संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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