₹3,000 करोड़ फ्रेंचाइज़ी घोटाले का खुलासा: पीड़ितों ने की CBI-ED जांच की मांग

देशभर के निवेशकों से ठगी, Ecom Delivery के नाम पर चला गया फर्जीवाड़ा का जाल

नई दिल्ली, देशभर में फैले एक विशाल फ्रेंचाइज़ी घोटाले ने हजारों परिवारों को आर्थिक रूप से बर्बाद कर दिया है। Dallas Ecom Infotech Pvt. Ltd. पर आरोप है कि उसने Ecom Delivery के नाम से फर्जी फ्रेंचाइज़ी मॉडल चलाकर लोगों से करीब ₹3,000 करोड़ की ठगी की। इस घोटाले के शिकार हुए निवेशकों ने आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर CBI और ED से मामले की जांच की मांग की।

कंपनी के दोनों ऑफिस बंद, कोई संपर्क नहीं

दिल्ली और मुंबई में मौजूद कंपनी के ऑफिस अचानक बंद हो गए और सभी संपर्क नंबर भी बंद कर दिए गए। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें ₹1.5 लाख से ₹32.5 लाख तक की राशि निवेश करवाई गई थी, बदले में ज़ोनल, डिस्ट्रिक्ट, और पिन-कोड लेवल की फर्जी फ्रेंचाइज़ी बेची गईं। उन्हें मुनाफे और तकनीकी सहयोग का झांसा दिया गया, लेकिन असल में उन्हें धोखा मिला।

दोहराया जा रहा है पुराना घोटालेबाज़ी का पैटर्न

पीड़ितों ने बताया कि यही टीम पहले RoadEx, Just Delivery और अन्य नामों से भी ऐसे घोटाले कर चुकी है। हर बार नई कंपनी, नए डमी डायरेक्टर और बदले हुए नामों से नेटवर्क खड़ा किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, एक शख्स जो पहले RoadEx में Aman Gupta के नाम से काम कर रहा था, अब Ecom Delivery में Adarsh Mishra के नाम से जुड़ा है।

फर्जी पहचान और डिजिटल सबूत

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि पीड़ितों ने कंपनी से जुड़े लोगों की फर्जी डिजिटल पहचान, बदले हुए LinkedIn प्रोफाइल, और फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स इकट्ठा किए हैं। एक पेन ड्राइव में उन्होंने सारे सबूत ED और अन्य एजेंसियों को सौंपे हैं।

मुख्यमंत्री से मिले पीड़ित, मिला कार्रवाई का आश्वासन

आज सुबह पीड़ितों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिला। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए उचित कार्रवाई का भरोसा दिया। हालांकि, पीड़ितों ने साफ कहा कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे देशव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे।

₹3,000 करोड़ फ्रेंचाइज़ी घोटाले

प्रेस कॉन्फ्रेंस को विशाल स्वैन, विनोद राठौर, अभिषेक धुर्वे, मोनिका चौधरी, और गुरविंदर सिंह ने संबोधित किया।

विशाल स्वैन ने कहा:

“हम सिर्फ पीड़ित नहीं हैं, बल्कि इस राष्ट्रीय घोटाले के व्हिसल-ब्लोअर हैं। अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो और हजारों लोग इसकी चपेट में आएंगे।”

मोनिका चौधरी ने कहा:

“हमने अपनी मेहनत की कमाई कंपनी पर भरोसा करके लगाई थी। अब हमारी लड़ाई सिर्फ पैसों की नहीं, बल्कि एक फर्जी सिस्टम को उजागर करने की है।”

₹3,000 करोड़ फ्रेंचाइज़ी घोटाले

पीड़ितों की मुख्य मांगें:

  • CBI और ED द्वारा पूरी जांच
  • सभी दोषियों की गिरफ्तारी और बैंक खातों की फॉरेंसिक ऑडिट
  • घोटाले से खरीदी गई संपत्तियों की जब्ती
  • पीड़ित निवेशकों के लिए मुआवज़े की योजना
  • निजी फ्रेंचाइज़ी मॉडल पर सख्त नियामक नियंत्रण

अब तक Ecom Delivery, RoadEx और Just Delivery जैसे मॉडल्स के ज़रिए 2,000 से अधिक परिवारों से करीब ₹3,000 करोड़ की धोखाधड़ी हो चुकी है। पीड़ितों का कहना है कि यह मामला सिर्फ पैसे की वसूली नहीं, बल्कि जनता के भरोसे की रक्षा का है – और अब इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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