नई दिल्ली।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के एक अस्पताल से जन्म के कुछ घंटे बाद ही अज्ञात महिला द्वारा चुराए गये नवजात को पेश करने संबंधी एक याचिका पर पुलिस से बुधवार को जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू और न्यायमूर्ति अमित महाजन की अवकाशकालीन खंडपीठ ने नवजात की मां की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और नवजात को जल्दी तलाश करने का निर्देश दिया। पीठ ने पुलिस को स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की।
नवजात की मां ने उच्च न्यायालय के समक्ष दायर अपनी याचिका में कहा है कि उसने 23 दिसम्बर 2022 को गुरु तेग बहादुर अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था, जिसे अगवा कर लिया गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने एक अस्पतालकर्मी के हवाले से कहा कि नवजात की नानी होने का दावा करने वाली एक महिला नर्सरी पहुंची और नवजात को उसे सौंपने को कहा। वकील ने दलील दी कि अस्पतालकर्मी ने अज्ञात महिला की पहचान की पड़ताल किये बिना बच्चा उसे सौंप दिया, जिसके बाद वह महिला बच्चा लेकर भाग गयी। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि पुलिस नवजात को ढूंढने का प्रयास कर रही है तथा इसने अस्पताल के उस कर्मचारी से पूछताछ की है, जिसने अज्ञात महिला को बच्चा सौंप दिया था। पीठ ने जब वकील से पूछा कि क्या अस्पताल के इलाके की सीसीटीवी फुटेज बरामद की गयी है, तो उन्होंने इसका ‘हां’ में जवाब दिया और कहा कि फुटेज से पता चलता है कि नवजात को महिला ले जा रही है।