34.1 C
New Delhi
Sunday, October 1, 2023
होमक्राइमभगोड़े अपराधियों पर नकेल कसने को सर्वर पर अपलोड होगी कुंडली, हाईकोर्ट...

भगोड़े अपराधियों पर नकेल कसने को सर्वर पर अपलोड होगी कुंडली, हाईकोर्ट ने सॉफ्टवेयर डेवलप करने के दिए आदेश

We woke reasonably late following the feast and free flowing wine the night before. After gathering ourselves and our packs, we headed down to our homestay family’s small dining room for breakfast.

नई दिल्ली।

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को भगोड़े अपराधियों के नाम और विवरण अपलोड करने के लिए सॉफ्टवेयर एवं अन्य तकनीकी सुविधाएं विकसित करने का निर्देश दिया है। ताकि पुलिस इन कुख्यात बदमाशों पर नकेल कस सके। पुलिस को उनकी क्राइम कुंडली जल्द हासिल करने में मदद मिल सके।

कोर्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को एक ऐसा सॉफ्टवेयर और अन्य सुविधाएं विकसित करने का आदेश दिया है, जिसके जरिए आम नागरिक भगोड़े अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की मदद कर सके। न्यायालय ने एनआईसी से कहा कि ऐसा सॉफ्टवेयर/ऐप तैयार करे, जिसकी मदद से लोग भगोड़े अपराधियों के नाम और विवरण व उनके ठिकानों के बारे में जानकारियां अपलोड कर सकें या पुलिस को दे सकें, ताकि अपराधियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई करने में मदद मिल सके।

समिति का किया गठन
हाईकोर्ट ने अपने इस आदेश के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (मुख्यालय) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। हाईकोर्ट ने हाल ही में पारित आदेश में कहा कि डाटा को शुरुआत में आंतरिक सर्वर पर अपलोड किया जाएगा। बाद में सत्यापन के बाद एनआईसी द्वारा विकसित किए जाने वाले सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। एनआईसी भगोड़े अपराधियों और व्यक्तियों के नाम व अन्य विवरण अपलोड करने के लिए परियोजना लागू करने के लिए डाटा को लेकर उपरोक्त निगरानी समिति के मार्गदर्शन में आवश्यक सॉफ्टवेयर विकसित करेगी और बुनियादी ढांचा, वेब स्पेस और अन्य सुविधाएं मुहैया कराएगी।

जांच के बाद अपलोड करें डाटा
हाईकोर्ट ने कहा है कि शुरुआत में भगोड़े अपराधियों/ लोगों से जुड़ी जानकारी को आंतरिक सर्वर पर अपलोड किया जाए। इसकी पहुंच केवल अधिकृत व्यक्तियों तक ही हो, जब तक कि डाटा की जांच, पुन: जांच और हितधारकों द्वारा सत्यापन नहीं किया जाता है। हाईकोर्ट ने कहा है कि जानकारी के सत्यापन के बाद ही इसे दिल्ली की जिला अदालतों के लिए एनआईसी द्वारा विकसित प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा सकता है।

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments