GST of August 2025

अगस्त 2025 का जीएसटी बूस्ट: राज्यों में 6.5% उछाल, ₹1.86 लाख करोड़ का रिकॉर्ड संग्रह

घरेलू मांग ने बढ़ाया टैक्स राजस्व, महाराष्ट्र–कर्नाटक आगे; झारखंड और कुछ राज्यों में मामूली गिरावट दर्ज

नई दिल्ली, केंद्रीय कर और राज्यों की जीएसटी (माल एवं सेवा कर) संग्रह में अगस्त 2025 में 6.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले एक सकारात्मक संकेत है। इस दौरान भारत की कुल सकल जीएसटी संग्रह ₹1.86 लाख करोड़ रही, जो कि पिछले साल अगस्त में ₹1.75 लाख करोड़ थी।

संग्रह का व्यापक परिप्रेक्ष्य:

सकल जीएसटी (Gross GST): ₹1.86 लाख करोड़ (6.5% वृद्धि)

घरेलू जीएसटी (Domestic GST): ₹1.37 लाख करोड़ (9.6% वृद्धि)

आयात से जीएसटी में गिरावट: ₹49,354 करोड़ (1.2% की कमी)

किफायती कर रिटर्न (Refunds): ₹19,359 करोड़ — पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20% कम

शुद्ध जीएसटी आय (Net GST Revenue): ₹1.67 लाख करोड़, जिसमें 10.7% की बढ़ोतरी दर्ज की गई

प्रमुख राज्यों का प्रदर्शन:

नीचे उसी तस्वीर में दी गई जानकारी और सरकारी आंकड़ों के आधार पर प्रमुख राज्यों की जीएसटी संग्रह सूची है:

  • राज्य/केंद्रशासित प्रदेश जीएसटी संग्रह (₹ करोड़) वृद्धि (%)
  • महाराष्ट्र 28,900 +10%
  • कर्नाटक 14,204 +15%
  • तमिलनाडु 11,057 +9%
  • गुजरात 10,992 +6%
  • हरियाणा 9,681 —
  • उत्तर प्रदेश 9,086 +10%
  • दिल्ली 5,725 —
  • पश्चिम बंगाल 5,473 +8%
  • तेलंगाना 5,103 —
  • ओडिशा 5,030 +3%
  • राजस्थान 4,342 +14%
  • आन्ध्र प्रदेश 3,989 —
  • मध्य प्रदेश 3,731 +9%
  • झारखंड 2,820 –1%
  • छत्तीसगढ़ 2,809 +8%
  • केरल 2,723 —
  • पंजाब 2,199 +14%
  • बिहार 1,717 —
  • उत्तराखंड 1,448 +7%
  • असम 1,496 +11%
  • हिमाचल प्रदेश 871 +5%
  • गुआ, जम्मू-कश्मीर इत्यादि छोटे राज्य व क्षेत्रों की भी उल्लेखनीय संख्या दर्ज की गई (उदाहरण — सिक्किम +39%, नागालैंड +33%, मेघालय +35%)

अतिरिक्त प्रमुख बिंदु:

आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में कर दरों में सुधार और कर स्लैब की समीक्षा की संभावना है, जो आगे के संग्रह पर असर डाल सकती है।

घरेलू जीएसटी में मजबूत वृद्धि बताती है कि आंतरिक मांग अभी भी मजबूत है, जबकि आयात आधारित संग्रह में गिरावट से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में कुछ मंदी की संभावना मिलती है।

मैक्रो आर्थिक संकेतकों जैसे कि यूपीआई लेन-देन और बिजली खपत में वृद्धि ने यह संकेत दिया है कि आर्थिक गतिविधि जीवंत बनी हुई है।

अगस्त 2025 में जीएसटी संग्रह में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है, विशेषकर घरेलू मांग के चलते। अधिकांश राज्यों ने पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया, हालांकि कुछ—जैसे झारखंड, चंडीगढ़, मणिपुर—में गिरावट देखी गई। यह डेटा यह भी रेखांकित करता है कि सरकार की सुधारात्मक नीतियाँ और डिजिटल हस्तक्षेप व्यापक रूप से प्रभावशाली रहे हैं। आगामी जीएसटी परिषद की बैठक से और नीति बदलावों की आशा की जा सकती है, जो देश की अर्थव्यवस्था के निरंतर विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।

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