बॉलीवुड में फ्लॉप, साउथ सिनेमा में टॉप: श्रुति हासन का सफर

सादगी और अनुशासन है साउथ इंडस्ट्री की पहचान

नई दिल्ली, 20 अगस्त 2025

अभिनेत्री श्रुति हासन इन दिनों अपनी फिल्म कूली की जबरदस्त सफलता का आनंद ले रही हैं। लोकेश कनगराज द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने रिलीज़ के एक हफ्ते से भी कम समय में विश्वभर में ₹400 करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है। हाल ही में द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया से बातचीत में श्रुति ने हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योगों में अपने अनुभव साझा किए और बताया कि उन्हें क्यों लगता है कि साउथ के सितारे बॉलीवुड अभिनेताओं की तुलना में अधिक विनम्र होते हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण में कलाकारों के बीच एक विशेष अनुशासन और जागरूकता देखने को मिलती है, जो अक्सर सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से जुड़ी होती है।

उदाहरण के लिए, सुबह नारियल चढ़ाना या सेट पर किसी देवता की तस्वीर रखना जैसी बातें वहां आम हैं। श्रुति ने कहा कि यह विनम्रता इस विश्वास से आती है कि अगर सम्मान खो गया तो “सरस्वती का हाथ भी सिर से उठ सकता है।” उन्होंने आगे जोड़ा कि दक्षिण में अमीर लोग भी अक्सर सादगी भरा जीवन जीते हैं और वर्षों तक पुरानी एम्बेसडर जैसी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। उनके अनुसार, यह मानसिकता इस बात को दर्शाती है कि कलाकार केवल “कला के माध्यम” हैं।

हालांकि श्रुति ने दक्षिण सिनेमा में खुद को स्थापित कर लिया है, लेकिन उनका बॉलीवुड सफर उतना सफल नहीं रहा। उन्होंने 2009 में लक से हिंदी फिल्मों में कदम रखा, लेकिन दिल तो बच्चा है जी, रामैया वस्तावैया, वेलकम बैक, रॉकी हैंडसम और बेहन होगी तेरी जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। उनकी एकमात्र हिट फिल्म अक्षय कुमार की गब्बर इज़ बैक (2015) रही। फिलहाल, वह कूली की सफलता का जश्न मना रही हैं और आगे मैसकिन की ट्रेन में विजय सेतुपति के साथ कैमियो रोल में नज़र आएंगी। इसके अलावा, वह प्रभास और पृथ्वीराज सुकुमारन के साथ सालार पार्ट 2: शौर्यांग पर्वम् में भी दिखेंगी।

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