नई दिल्ली।
दिल्ली की एक अदालत ने कथित शराब घोटाले में आरोपी और तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी को लेकर दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने सिसोदिया की सुरक्षा को देखते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में उनको पेश करने का अनुरोध करते हुए अर्जी दायर की थी। सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने दलील दी कि यह सिसोदिया का अधिकार है कि वो सुनवाई के दौरान सशरीर खुद वहां मौजूद रहें। आरोपी के कोर्ट में पेश होने के अधिकार को खत्म नहीं किया जा सकता है। सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ने आदेश दिया कि सिसोदिया को अदालत के समक्ष सशरीर ही पेश किया जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
दरअसल 23 मई को जब मनीष सिसोदिया की कोर्ट में पेशी हुई थी तब पेशी के दौरान का एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो को देखने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की है। पुलिस उनकी गर्दन पकड़ उन्हें ले जा रही है। अदालत ने इस मामले में निर्देश दिया था कि इस दिन हुई घटना की सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए। इस मामले पर दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया था कि मनीष सिसोदिया के साथ किसी तरह की कोई बदसलूकी नहीं हुई थी। उनकी सुरक्षा को देखते हुए जल्दी से उन्हें पुलिस की गाड़ी में बैठाया गया था। खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा था कि क्या पुलिस को इस तरह मनीष जी के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार है? क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से कहा गया है?
मनीष सिसोदिया पर आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के सीधे आरोप लगे हैं। सिसोदिया पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसा हुआ है। अब तक जमानत हासिल करने की सिसोदिया की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं। इस बीच जेल में बंद आप नेता की पत्नी सीमा सिसोदिया की अभी हाल ही में एक बार फिर तबीयत बिगड़ गई थी। तबीयत खराब होने के बाद सीमा सिसोदिया को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था