सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को गुरुवार को बड़ी राहत दी। अदालत ने उसकी जमानत की शर्तों में ढील देते हुए उसे सप्ताह में एक दिन यानी प्रत्येक रविवार को लखीमपुर खीरी में रुकने की अनुमति दी है। वह शनिवार शाम को वहां जा सकता है, लेकिन रविवार शाम तक उसे लौटना होगा।
राजनीतिक और सार्वजनिक गतिविधियों से दूर रहने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान आशीष मिश्रा किसी भी प्रकार की सार्वजनिक बैठक में हिस्सा नहीं लेगा और किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा। कोर्ट का यह फैसला शर्तों के उल्लंघन से बचने के उद्देश्य से लिया गया है।
परिवार से मिलने की दलील पर दी गई राहत
अदालत में आशीष मिश्रा की ओर से यह दलील दी गई कि वह काफी समय से अपनी मां और बच्चों से नहीं मिल सका है और वह अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना चाहता है। इस मानवीय आधार को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों में यह छूट दी।
वकील ने की तुलना, कहा– बाकी आरोपियों को मिल रही है राहत
आशीष मिश्रा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में यह तर्क भी दिया कि अन्य आरोपियों को ऐसी कोई रोक नहीं है और वे जमानत के बावजूद लखीमपुर खीरी में रह रहे हैं। ऐसे में उनके मुवक्किल के साथ भेदभाव हो रहा है।
गवाहों की गवाही जारी, अब तक 16 ने दर्ज कराए बयान
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में अब तक 16 चश्मदीद गवाहों की गवाही हो चुकी है, जबकि कुल 208 गवाहों की सूची है।
2021 की हिंसा में 8 लोगों की गई थी जान
गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया था।
पहले भी मिली थी जमानत में राहत
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2023 में आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदल दिया था। इससे पहले अदालत ने मानवीय आधार पर उसे दिल्ली में रहने की अनुमति दी थी, क्योंकि उसकी मां अस्पताल में भर्ती थीं और बेटी को इलाज की जरूरत थी।
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