राजस्थान के हनुमानगढ़ की रहने वाली पूर्वा चौधरी ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 533वीं रैंक हासिल की। लेकिन ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट के इस्तेमाल को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पिता RAS अधिकारी, फिर भी OBC-NCL का लाभ?
पूर्वा के पिता ओमकाश सहारण राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में अधिकारी हैं और वर्तमान में कोटपूतली में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। सोशल मीडिया पर आरोप लग रहे हैं कि वरिष्ठ पद पर होने के बावजूद उनकी बेटी को OBC-NCL का लाभ नहीं मिलना चाहिए था।
सोशल मीडिया पर उठे आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल
सोशल मीडिया पर यह भी चर्चा है कि पूर्वा के पास महंगे हैंडबैग और कारें हैं, जिससे लोग उनकी आर्थिक स्थिति पर संदेह जता रहे हैं। आरोप है कि ऐसे अभ्यर्थी वंचित तबके के हक पर कब्जा कर रहे हैं।
पिता ने नियमों के साथ दी सफाई
ओमकाश सहारण ने स्पष्ट किया कि उन्होंने 44 वर्ष की उम्र में RAS जॉइन किया था, जबकि नियम के अनुसार अगर कोई अभिभावक 40 वर्ष से पहले क्लास-1 (ग्रुप A) पद पर नियुक्त हो तो ही उसके बच्चे को OBC-NCL लाभ नहीं मिलता। ऐसे में पूर्वा को यह लाभ नियमों के अनुसार मिला है।
‘भेड़चाल’ और ‘दिल्ली लॉबी’ का लगाया आरोप
सहारण ने सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों को ‘भेड़चाल’ करार दिया और कहा कि कुछ लोग फॉलोअर्स और व्यूज बढ़ाने के लिए गलत जानकारियां फैला रहे हैं। उन्होंने एक ‘दिल्ली लॉबी’ पर भी आरोप लगाया जो ऐसी अफवाहें फैलाने में सक्रिय है।
UPSC में आरक्षण व्यवस्था पर फिर उठा सवाल
पूर्वा चौधरी का मामला UPSC की चयन प्रक्रिया और आरक्षण नीति पर एक बार फिर बहस को हवा दे गया है। इससे पहले भी पूजा खेड़कर जैसे मामलों में OBC और PwBD सर्टिफिकेट के दुरुपयोग के आरोप लग चुके हैं।
विशेषज्ञ बोले – सख्त हो सत्यापन प्रक्रिया
विवाद के बीच विशेषज्ञों ने UPSC से सत्यापन प्रक्रिया और अधिक मजबूत करने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों से बचा जा सके। वहीं पूर्वा चौधरी का परिवार अपनी सफलता को मेहनत का परिणाम बता रहा है।
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