जन्तर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और गृह मंत्री को सौंपा ज्ञापन; बार-बार फ्रॉड करने वाले गिरोह पर कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली, देशभर में ₹3,000 करोड़ से ज्यादा के लॉजिस्टिक्स और फ्रेंचाइजी घोटाले से प्रभावित सैकड़ों निवेशकों ने आज जन्तर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। पीड़ितों ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री को एक ज्ञापन सौंपकर इस घोटाले की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से उच्चस्तरीय जांच कराने की अपील की।
इस धोखाधड़ी को देश के सबसे बड़े संगठित आर्थिक अपराधों में से एक बताया जा रहा है। धोखाधड़ी का केंद्र रही कंपनियों—जैसे डलास ईकॉम इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड—ने ‘ईकॉम डिलीवरी’, ‘रोडएक्स’ और ‘जस्ट डिलीवरी’ जैसे नामों से फ्रेंचाइजी योजनाएं चलाईं। इन योजनाओं में निवेशकों से ₹1.5 लाख से ₹32.5 लाख तक की रकम निवेश कराई गई। बदले में लाभकारी रिटर्न और कूरियर डिलीवरी कारोबार में भागीदारी का झांसा दिया गया।
हालांकि, रकम जमा करने के बाद कंपनियों ने अचानक कार्यालय बंद कर दिए, सभी संपर्क माध्यम समाप्त कर दिए और फर्जी पहचान व डमी निदेशकों के माध्यम से गायब हो गईं। इस मॉडल को चलाने वाले गिरोह हर 8-10 महीने में नई कंपनी बनाते हैं और पुराने नाम से पीछा छुड़ाकर धोखाधड़ी दोहराते हैं। इनमें एक आरोपी पहले ‘अमन गुप्ता’ के नाम से सामने आया था, जो अब ‘आदर्श मिश्रा’ के नाम से सक्रिय है।

ज्ञापन के साथ सौंपे गए दस्तावेजों में कंपनियों के पंजीकरण रिकॉर्ड, जीएसटी नंबर, बैंक ट्रांजैक्शन डिटेल्स, मार्केटिंग सामग्री, पीड़ितों की बातचीत के स्क्रीनशॉट और संदिग्धों की सोशल मीडिया प्रोफाइल्स शामिल हैं। ये दस्तावेज साबित करते हैं कि यह घोटाला दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार समेत कई राज्यों में फैला है।
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि इतनी गंभीर शिकायतों और एफआईआर के बावजूद स्थानीय पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं कर पाई है।
ज्ञापन में उठाई गई प्रमुख मांगें:
- सभी संबंधित कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ सीबीआई और ईडी जांच
- मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी और पूछताछ
- निवेशकों की राशि की फॉरेंसिक ऑडिट और दोषियों की संपत्तियों की जब्ती
- पीड़ितों को सरकार की ओर से मुआवजा योजना
- फ्रेंचाइजी घोटालों को रोकने के लिए सख्त नियामक प्रावधान
प्रदर्शनकारियों में से एक, विशाल स्वैन ने कहा,
“यह सुनियोजित आर्थिक धोखाधड़ी है। बार-बार वही लोग अलग-अलग नामों से नागरिकों को लूट रहे हैं। हमने पुख्ता प्रमाण सौंपे हैं। सरकार को अब चुप नहीं बैठना चाहिए।”
वहीं, मोनिका चौधरी ने भावुक होकर कहा,
“हमने इन योजनाओं में न केवल पैसा बल्कि विश्वास भी लगाया था। अब हम अपने पैसे की नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को इस जाल से बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।”
पीड़ितों ने सरिता विहार और जसोला थानों सहित ईओडब्ल्यू और एसएफआईओ में भी शिकायतें दी थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रदर्शन के अंत में, प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई हिंसा में मारे गए निर्दोषों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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