उद्योग प्रतिनिधियों और बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ आयोजन, खाताधारकों और छोटे व्यवसायों के लिए दी गई जानकारी
फरीदाबाद, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा फरीदाबाद के होटल रैडिसन ब्लू में रविवार को “मेगा एमएसएमई और CASA आउटरीच कैंप” का आयोजन किया गया। इस विशेष कैंप का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के साथ बैंक का जुड़ाव मजबूत करना और स्थानीय व्यापारियों को चालू खाता (करंट अकाउंट) और बचत खाता (सेविंग्स अकाउंट) जैसी बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना था।
इस आयोजन में यूनियन बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथियों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के केंद्रीय कार्यालय, मुंबई से श्री बिजू वासुदेवन (मुख्य महाप्रबंधक, लार्ज कॉर्पोरेट वर्टिकल), दिल्ली ज़ोन के मुख्य महाप्रबंधक श्री संजय नारायण और मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएट्स ऑफ फरीदाबाद के अध्यक्ष श्री सुखदेव सिंह शामिल रहे।
अपने संबोधन में श्री बिजू वासुदेवन ने कहा कि यूनियन बैंक ग्राहकों और छोटे व्यापारियों के साथ मजबूत रिश्ते बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने लोगों से CASA उत्पादों का लाभ लेने की अपील की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम बैंक को ज्यादा लोगों तक पहुंचने का मौका देते हैं।
श्री सुखदेव सिंह ने स्थानीय उद्योगों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए यूनियन बैंक द्वारा दिए जा रहे समर्थन की सराहना की। उन्होंने कहा कि बैंक और उद्योग जगत के बीच सहयोग लगातार बना रहना चाहिए ताकि व्यापारिक गतिविधियों को और गति मिल सके।
वहीं, श्री संजय नारायण ने उपस्थित जनों का धन्यवाद करते हुए कहा कि बैंक और ग्राहकों के बीच संवाद बहुत जरूरी है। इससे न केवल ग्राहकों की जरूरतों को समझने में मदद मिलती है, बल्कि बैंकिंग सेवाओं में भी सुधार संभव हो पाता है।
इस कैंप में बैंक द्वारा विभिन्न जानकारी केंद्र लगाए गए, जहाँ प्रतिभागियों को ऋण योजनाओं, खाता संचालन, डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म और दस्तावेज़ों से जुड़ी जानकारी दी गई। इस प्रकार, यह आयोजन बैंक और ग्राहकों के बीच प्रत्यक्ष संवाद का सशक्त माध्यम बना।
यह आउटरीच कैंप यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की उन पहलों का हिस्सा है, जिनके माध्यम से बैंक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जुड़ सकें।