राजनयिक अध्ययन, प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी और एआई के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मिलेगा बढ़ावा
एमईआरआई समूह MERI और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधीन कार्यरत वर्ल्ड इकॉनमी एंड डिप्लोमेसी यूनिवर्सिटी (UWED) की डिप्लोमैटिक एकेडमी के बीच 23 अप्रैल को ताशकंद में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस MoU का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक एवं शोध सहयोग को बढ़ावा देना है।
समझौते पर एमईआरआई MERI समूह की ओर से प्रोफेसर ललित अग्रवाल (उपाध्यक्ष) और UWED की ओर से प्रोफेसर सादिक एस. साफोएव (रेक्टर) ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं, जिनमें प्रो. रमाकांत द्विवेदी (प्रमुख – एमईआरआई सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज़ एवं निदेशक – इंडिया सेंट्रल एशिया फाउंडेशन), श्री लव अग्रवाल (सीईओ – एमईआरआई स्टार्टअप), प्रो. अब्दुसामत खैदारोव (डायरेक्टर – डिप्लोमैटिक एकेडमी), और भारत के दूतावास के प्रतिनिधि शामिल थे।
प्रबंधन, एआई, डिप्लोमेसी और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में होगा सहयोग
इस साझेदारी के तहत दोनों संस्थान प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरराष्ट्रीय कानून, संस्कृति अध्ययन और कूटनीति जैसे विषयों पर संयुक्त शैक्षणिक और शोध परियोजनाएं शुरू करेंगे। भारत-उज्बेकिस्तान के साझा हितों को ध्यान में रखते हुए सेमिनार, कॉन्फ्रेंस और राउंड टेबल चर्चाओं के माध्यम से विचारों और शोध परिणामों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
प्रोफेसरों की प्रतिक्रियाएं
प्रो. सादिक एस. साफोएव ने शैक्षणिक साझेदारी को दो देशों के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बताया। वहीं प्रो. अब्दुसामत खैदारोव ने इस MoU को संभव बनाने में प्रो. द्विवेदी के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रबंधन शिक्षा में सहयोग को ऐतिहासिक बताया।
तकनीकी शिक्षा में एमईआरआई की विशेषज्ञता
प्रो. ललित अग्रवाल ने कहा कि एमईआरआई समूह छात्रों को उन्नत तकनीकी क्षेत्रों जैसे साइबर सुरक्षा, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, एआई और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में प्रशिक्षित कर रहा है। उन्होंने बताया कि ये कोर्सेज छात्रों को आधुनिक तकनीकी चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाते हैं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में MERI CIS की भूमिका
प्रो. रमाकांत द्विवेदी ने एमईआरआई सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज़ (CIS) की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केंद्र भारत और विश्व के अग्रणी शोध संस्थानों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की गहन समझ विकसित करने के लिए कार्य करता है।
यह समझौता दोनों देशों के बीच न केवल शैक्षणिक सेतु बनाएगा, बल्कि संस्कृति और कूटनीति के स्तर पर भी आपसी समझ को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।