पंचायती राज दिवस पर पीएम ने विकास कार्यों का उद्घाटन किया, पहलगाम आतंकी हमले में शहीदों को दी श्रद्धांजलि, बोले—”भारत की आत्मा को चोट पहुंचाने की कोशिश थी”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बिहार के मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित किया, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद राज्य में उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति रही। अपने भाषण की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने हमले में शहीद हुए सुरक्षाबलों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा।
प्रधानमंत्री ने इस हमले को “भारत की आत्मा पर हमला” बताया और कहा कि “दोषियों को उनकी कल्पना से परे सज़ा दी जाएगी।” उन्होंने कहा कि “देश शहीदों के परिवारों के दुख में सहभागी है—किसी ने बेटा खोया, किसी ने साथी। एक बंगाली था, एक मराठी, एक उड़िया और एक बिहार का वीर। हमारा दुख साझा है, और हमारा क्रोध भी।”
रैली में मौजूद जनता का गुस्सा भी नजर आया, जब लोगों ने स्वस्फूर्त रूप से “पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे लगाए।
प्रधानमंत्री मोदी पंचायती राज दिवस के अवसर पर झंझारपुर के लोहना पंचायत में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने ₹13,480 करोड़ से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया, जिनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की आधारभूत संरचना और सेवाओं को मजबूत करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि बीते 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने ₹2 लाख करोड़ से अधिक की धनराशि सीधे पंचायतों को ग्राम विकास के लिए आवंटित की है। उन्होंने भूमि विवादों जैसी ग्रामीण समस्याओं का उल्लेख किया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने की पहल की सराहना करते हुए कहा— “मैं नीतीश जी को इस अभिनव कदम के लिए बधाई देता हूं।”
प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ग्रामीण विकास योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया:
- बिहार में आज लगभग 1.5 लाख परिवारों को नए पक्के घर मिले।
- 15 लाख गरीब परिवारों को नए आवास के लिए स्वीकृति पत्र मिले, जिनमें से 3.5 लाख लाभार्थी बिहार के हैं।
- देशभर में अब 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को पहली बार नल से जल की सुविधा मिली है।
- 2.5 करोड़ गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।
- जिन घरों में चूल्हे पर खाना पकता था, वहां अब एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने बताया कि देशभर में 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंडिर खोले गए हैं, जिनमें 10,000 बिहार में स्थापित होंगे। साथ ही बिहार में 800 जन औषधि केंद्र भी काम कर रहे हैं, जहां 80% तक सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग को राहत मिल रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि यह रैली सिर्फ राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ राष्ट्रीय एकजुटता और संकल्प का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा, “विकास की रफ्तार नहीं रुकेगी और भारत को चोट पहुंचाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।”