800 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूज़र्स वाले भारत में डेटा सुरक्षा अब ज़रूरी बन गई है। ये आसान और असरदार कदम हर व्यक्ति को अपनी डिजिटल जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से अब तक भारत में डेटा चोरी की घटनाओं में 300% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इसका असर कई तरीकों से देखने को मिलता है:
- बार-बार आने वाले स्पैम कॉल और मैसेज
- असली जैसे दिखने वाले स्कैम मैसेज के ज़रिए धोखाधड़ी
- किसी के नाम पर फर्जी बैंक खाते या लोन
- निजी फोटो और मैसेज का दुरुपयोग
इनमें से कई घटनाएं रोजमर्रा की कुछ आसान लापरवाहियों के कारण होती हैं।
स्टेप 1: मज़बूत पासवर्ड की आदत अपनाएं
भारतीय यूज़र्स अक्सर नाम, जन्मतिथि या “password123” जैसे आसान पासवर्ड रखते हैं, जो आसानी से हैक किए जा सकते हैं। बेहतर सुरक्षा के लिए:
- Bitwarden जैसे पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करें जो मज़बूत पासवर्ड बनाए और सुरक्षित रखे
- हिंदी-इंग्लिश शब्दों, नंबर और सिंबल का मिलाजुला उपयोग करें ताकि पासवर्ड मज़बूत और याद रखने योग्य हो
- सोशल मीडिया, बैंकिंग और शॉपिंग जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर अलग-अलग पासवर्ड रखें
स्टेप 2: ऐप परमिशन पर रखें नज़र
कई भारतीय ऐप्स जरूरत से ज़्यादा परमिशन मांगते हैं। इससे निजता पर खतरा बढ़ता है:
- समय-समय पर ऐप्स की लोकेशन, कैमरा और कॉन्टेक्ट एक्सेस जैसी परमिशनों की जांच करें
- WhatsApp, Instagram, ShareChat जैसे ऐप्स की प्राइवेसी सेटिंग्स अपडेट करें
- मैट्रिमोनियल या डेटिंग साइट्स पर कम से कम जानकारी साझा करें
- Aadhaar या PAN की जानकारी मांगने वाले सरकारी ऐप्स के प्रति सतर्क रहें
स्टेप 3: UPI के ज़रिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करें
हर महीने 10 अरब से ज़्यादा UPI ट्रांजेक्शन होते हैं, जिनके साथ धोखाधड़ी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। सुरक्षित रहने के लिए:
- शॉपिंग, बिल पेमेंट और दोस्तों/परिवार के लिए अलग-अलग UPI ID रखें
- QR कोड स्कैन करने से पहले सत्यापित करें, खासकर दुकानों और सार्वजनिक स्थानों पर
- बैंक अकाउंट से जुड़े ऐप्स की अनुमतियों की जांच करें
- हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन के लिए अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन ऑन करें
स्टेप 4: सार्वजनिक नेटवर्क का उपयोग सोच-समझकर करें
मेट्रो शहरों में परीक्षणों से पता चला है कि पब्लिक WiFi पर डेटा मिनटों में चोरी हो सकता है। इससे बचने के लिए:
- साझा कंप्यूटर पर ब्राउज़िंग करते समय इन्कॉग्निटो मोड का उपयोग करें
- इंडियन सर्वर वाले VPN सेवाओं पर विचार करें
- सार्वजनिक नेटवर्क पर बैंकिंग या लेन-देन से बचें
- मोबाइल में ऑटो-कनेक्ट टू WiFi विकल्प बंद करें
स्टेप 5: अपने डेटा अधिकारों को जानें और इस्तेमाल करें
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट भारतीय नागरिकों को अपने डेटा पर कई अधिकार देता है:
- कंपनियां डेटा कैसे इकट्ठा और इस्तेमाल करती हैं, इसकी जानकारी देना अनिवार्य है
- यूज़र अपने डेटा की कॉपी मांग सकते हैं
- अपनी जानकारी को हटवाने का अधिकार भी मौजूद है
अगर ये अधिकार नजरअंदाज किए जाते हैं, तो संबंधित प्लेटफॉर्म से शिकायत की जा सकती है।
भारत में डेटा लीक या प्राइवेसी उल्लंघन की शिकायत कहां करें?
यदि आपकी निजी जानकारी का दुरुपयोग हो या लीक हो जाए, तो तुरंत ये कदम उठाएं:
- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करें
- स्थानीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद से संपर्क करें
- किसी बड़े ऐप या सेवा में उल्लंघन हो तो CERT-In हेल्पडेस्क से संपर्क करें
इन प्लेटफ़ॉर्म्स के बारे में जानकारी होना जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
हर भारतीय के लिए सुरक्षित इंटरनेट का पहला कदम
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है और उसके साथ साइबर खतरे भी। लेकिन तकनीकी ज्ञान के बिना भी इन आसान और प्रभावी तरीकों को अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को मज़बूत बना सकता है। यह गाइड एक सुरक्षित और निजी डिजिटल अनुभव की ओर पहला कदम है।
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