अब EMI पर मिलेगा राहत का असर, रेपो रेट घटकर 6% हुआ
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करने के बाद आम जनता को एक बड़ी राहत मिली है। अब रेपो रेट घटकर 6 प्रतिशत हो गया है। इसके कुछ ही घंटों के भीतर देश के कई प्रमुख बैंकों ने अपनी लेंडिंग रेट यानी कर्ज पर लगने वाली ब्याज दरों में कमी का ऐलान कर दिया है। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI भी अब पहले के मुकाबले कम हो जाएगी।
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। जब रेपो रेट घटती है, तो बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो जाता है, और वे भी अपने ग्राहकों को सस्ते दर पर लोन देते हैं।
प्रमुख बैंकों ने घटाई ब्याज दरें
बैंक ऑफ बड़ौदा
रेपो रेट में कटौती के बाद, बैंक ऑफ बड़ौदा की ओवरनाइट MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट) अब 8.15% हो गई है। एक साल की MCLR को 9% तक घटाया गया है। बैंक ने खासतौर पर खुदरा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्रों के लिए ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है।
इंडियन बैंक
चेन्नई स्थित इंडियन बैंक ने अपनी रेपो-लिंक्ड ब्याज दर (RPLR) में 35 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। नई ब्याज दर 8.70% होगी, जो कि 11 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
PNB ने भी अपनी RPLR को 9.10% से घटाकर 8.85% कर दिया है। इस कदम से ग्राहकों को कर्ज की लागत में सीधा फायदा मिलेगा।
यूको बैंक
यूको बैंक ने अपनी रेपो-लिंक्ड ब्याज दर को घटाकर 8.8% कर दिया है। यह नई दरें 10 अप्रैल 2025 से लागू होंगी।
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपनी RPLR को 9.10% से घटाकर 8.85% कर दिया है। बैंक ने बताया कि यह दरें बुधवार से ही प्रभावी हो गई हैं।
क्या होगा इसका असर?
रेपो रेट में कटौती और बैंकों द्वारा ब्याज दरें कम करने का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। लोन सस्ता होने से EMI घटेगी और साथ ही कर्ज लेने की प्रवृत्ति भी बढ़ेगी, जिससे बाज़ार में मांग को बल मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सकती है।
अगर आप होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए अनुकूल हो सकता है। ब्याज दरों में आई इस गिरावट का लाभ उठाकर आप अपनी वित्तीय योजनाओं को बेहतर बना सकते हैं।
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