महिला सशक्तिकरण का उदाहरण: राजस्थान उत्सव में राजीविका की उद्यमी महिलाओं की प्रमुख भूमिका
राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी राजीविका योजना ने राज्य की हजारों महिलाओं को स्वयं-सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की नई दिशा दी है। यह योजना महिलाओं को स्वावलंबी बना रही है और उन्हें सामाजिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से भी मजबूत बना रही है।
राजस्थान उत्सव के दौरान, नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में आयोजित एक मेले में राजीविका से जुड़ी महिला उद्यमियों ने अपनी हस्तनिर्मित वस्त्रों और परिधानों की अनूठी प्रदर्शनी लगाई। इस मेले में अजरख प्रिंट की साड़ियां, दुपट्टे और सूट के साथ बाड़मेर की मटको देवी (आशापुरा SHG), जयपुर की किरण (दुर्गा SHG) और बाड़मेर की सुशीला (मजीसा SHG) ने अपनी कृतियां प्रदर्शित की, जो आगंतुकों को आकर्षित करने में सफल रहीं।
इसके अतिरिक्त, चूरू की अंजू और राजवंती ने बंधेज कलाकारी के परिधानों के माध्यम से अपनी अद्भुत कारीगरी का प्रदर्शन किया, जो करणी माता और माताजी SHG से जुड़ी हैं। इन महिलाओं ने न केवल अपने उत्पादों की बिक्री की, बल्कि राजस्थानी कला और विरासत की झलक भी मेले में दिखाई।
राजीविका योजना के तहत लाभान्वित महिलाएं वित्तीय समावेशन, प्रतिस्पर्धी बाजारों तक पहुंच और स्वरोजगार के बेहतर अवसरों से जुड़ी हैं, जो उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित हो रही हैं।