IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है। सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अपनी 61% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं। यह प्रक्रिया जनवरी 2023 में शुरू हुई थी, जब निवेशकों से दिलचस्पी लेने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया गया था।
निजीकरण सौदे का अंतिम चरण
सरकार इस महीने IDBI बैंक के निजीकरण के लिए शेयर खरीद समझौते (Share Purchase Agreement) को अंतिम रूप देने जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह डील वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही तक पूरी होने की उम्मीद है और जल्द ही वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी।
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव अरुणीश चावला ने पुष्टि की है कि विनिवेश प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ रही है। सरकार की 30.48% और LIC की 30.24% हिस्सेदारी के साथ प्रबंधन नियंत्रण भी निजी हाथों में सौंपा जाएगा।
डेटा रूम से जुड़ी बाधाएं दूर
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, IDBI बैंक के निजीकरण में डेटा रूम से संबंधित सभी चिंताओं का समाधान कर लिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और अब किसी बड़ी रुकावट की संभावना नहीं है। संभावित निवेशकों को बैंक के वित्तीय डेटा तक पहुंच दी गई थी, जिससे उनकी बोली की रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।
सरकार का विनिवेश लक्ष्य
IDBI बैंक की हिस्सेदारी बिक्री से सरकार को 2025-26 के केंद्रीय बजट में विनिवेश और एसेट मोनेटाइजेशन के तहत तय 47,000 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी। हालांकि, IDBI बैंक के लिए अलग से कोई विशेष आवंटन तय नहीं किया गया है।
सरकार और LIC की हिस्सेदारी बिक्री के साथ IDBI बैंक का प्रबंधन पूरी तरह निजी निवेशकों को सौंपा जाएगा, जिससे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।