Bihar बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का सुशासन का दावा इस बार मुश्किल में पड़ता दिख रहा है। बिहार की राजनीति में हलचल मच गई जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद सुधाकर सिंह ने शुक्रवार (7 मार्च, 2025) को सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया।
घोटाले में दो बड़े अधिकारियों की संलिप्तता, पीएम तक पहुंचेगी शिकायत
सांसद सुधाकर सिंह ने दावा किया कि एक निजी कंपनी और एक एनजीओ की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का गबन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री के दो करीबी अधिकारी शामिल हैं। बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह ने कहा, “मैं इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर जल्द ही प्रधानमंत्री कार्यालय, सीएजी, लोकपाल और संसद में शिकायत दर्ज कराऊंगा।”
‘बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड’ बना घोटाले का केंद्र
सुधाकर सिंह के अनुसार, हाल ही में पेश किए गए बिहार सरकार के बजट में ‘बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड’ के नाम पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार की बेटी ईशा वर्मा, जो मात्र ढाई महीने पहले बनी कंपनी ‘बोधी सेंटर फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड’ की मालिक हैं, को इस फंड से 25 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई।
सिर्फ यही नहीं, बिहार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। सुधाकर सिंह ने कहा कि आनंद किशोर, जिनकी शादी दीपक कुमार की बहन से हुई है, ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के ईशा वर्मा की कंपनी को वित्त विभाग में काम करने की अनुचित अनुमति दी।
क्या नीतीश कुमार घोटाले पर चुप्पी तोड़ेंगे?
इन आरोपों के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दोनों अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग कर रहा है।
सुधाकर सिंह ने साफ कहा, “अगर मुख्यमंत्री इस पर कोई कार्रवाई नहीं करते, तो यह साबित हो जाएगा कि वह खुद इस घोटाले में शामिल हैं।”
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस गंभीर आरोप पर क्या रुख अपनाते हैं? क्या दोषी अधिकारियों पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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