राजभवन, देहरादून में आयोजित वार्षिक फूल प्रदर्शनी में इस वर्ष प्रभु श्रीराम सांस्कृतिक पुष्प घाटी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी। उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने इस अनूठी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कृषि एवं बागवानी मंत्री श्री गणेश जोशी सहित कई गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे।
रामायण की कथाओं को पुष्पों से जीवंत करने का प्रयास
प्रभु श्रीराम सांस्कृतिक पुष्प घाटी एक अनोखी पहल है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत को सुगंधित फूलों और कलात्मक सज्जा के माध्यम से प्रस्तुत करती है। यह प्रदर्शनी रामायण की दिव्य कथाओं को फूलों की रचनात्मकता के जरिये सजीव करती है, जिससे आगंतुकों को आध्यात्मिक और सुगंधित अनुभव मिलता है।
राज्यपाल ने सराहा अनूठा प्रयास
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा—
“यह प्रदर्शनी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित और प्रचारित करने का एक अभिनव माध्यम है। फूलों के माध्यम से रामायण की गाथाओं को प्रस्तुत करना एक प्रेरणादायक प्रयास है, जिसे सभी को देखना चाहिए।”
संस्थापक की प्रेरणादायक सोच
प्रभु श्रीराम लक्ज़री अगरबत्ती समूह के सीएमडी श्री प्रशांत कुमार ने इस पहल के पीछे अपनी सोच साझा करते हुए कहा—
“हमारा उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को फूलों और सुगंध के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना है। माननीय राज्यपाल सहित सभी गणमान्य अतिथियों की सराहना हमें इसे और बड़े स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित करेगी। हमारा प्रयास है कि इस अनूठी प्रदर्शनी को भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ले जाया जाए।”
दर्शकों का उत्साह और आयोजन की अवधि
इस प्रदर्शनी ने बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित किया, जिन्होंने फूलों के माध्यम से प्रस्तुत रामायण की कथाओं को देखकर प्रशंसा व्यक्त की। प्रभु श्रीराम लक्ज़री टीम के इस प्रयास की व्यापक सराहना की गई।
यह प्रभु श्रीराम सांस्कृतिक पुष्प घाटी 7 मार्च से 9 मार्च 2025 तक राजभवन, देहरादून में आगंतुकों के लिए खुली रहेगी। सभी को इस अनूठी कला, सुगंध और आध्यात्मिक अनुभव का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
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