Monday, March 17, 2025
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नीदरलैंड्स में ‘राम मुद्रा’: क्या सच में आधिकारिक रूप से चलन में है?

सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि *नीदरलैंड्स के वैदिक सिटी में ‘राम मुद्रा’ नामक करेंसी आधिकारिक रूप से उपयोग की जाती है। इस करेंसी का मूल्यांकन भी किया गया है, जिसमें *5 राम (Raam) मुद्रा की कीमत लगभग 22 भारतीय रुपये बताई जा रही है। लेकिन क्या यह दावा सच है? आइए इस वायरल पोस्ट की सच्चाई जानते हैं।

क्या है ‘राम मुद्रा’ (Raam Currency)?

‘राम मुद्रा’ को पहली बार 2002 में ‘ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस’ (Global Country of World Peace – GCWP) नामक संस्था द्वारा पेश किया गया था। यह एक प्राइवेट कम्युनिटी करेंसी है, जिसे विशेष रूप से ट्रान्सेंडेंटल मेडिटेशन (TM) अनुयायियों के बीच उपयोग के लिए बनाया गया था।

क्या नीदरलैंड्स में ‘राम मुद्रा’ आधिकारिक करेंसी है?

सच्चाई: ‘राम मुद्रा’ किसी भी देश की आधिकारिक मुद्रा नहीं है, और इसे नीदरलैंड्स सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है
यह केवल कुछ TM समुदायों और अनुयायियों द्वारा स्थानीय लेनदेन के लिए प्रयुक्त एक वैकल्पिक मुद्रा है।

कहां-कहां इसका उपयोग हुआ?

  • नीदरलैंड्स, अमेरिका, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में कुछ समुदायों ने इसे सीमित स्तर पर अपनाया।
  • इसे स्थानीय स्तर पर चुनिंदा दुकानों में उपयोग किया जाता था, लेकिन इसे कानूनी मुद्रा (legal tender) का दर्जा नहीं प्राप्त हुआ।
  • डच सेंट्रल बैंक (DNB) ने 2003 में स्पष्ट किया था कि ‘राम मुद्रा’ नीदरलैंड्स में मान्यता प्राप्त मुद्रा नहीं है।

राम मुद्रा का मूल्य कितना है?

पोस्ट में बताया गया है कि 5 राम = 22 भारतीय रुपये
लेकिन सच्चाई यह है कि राम मुद्रा की कोई आधिकारिक विनिमय दर (exchange rate) तय नहीं है। इसका मूल्य केवल इसके समुदाय के भीतर तय किया जाता है, और इसे यूरो या अन्य मुद्राओं में सीधे बदला नहीं जा सकता।

‘राम मुद्रा’ एक प्राइवेट करेंसी है, जिसे केवल ट्रान्सेंडेंटल मेडिटेशन अनुयायियों के बीच उपयोग किया गया था।
यह नीदरलैंड्स या किसी अन्य देश में आधिकारिक मुद्रा नहीं है
2003 में ही डच सरकार ने इसे एक गैर-मान्यता प्राप्त मुद्रा घोषित कर दिया था।

सोशल मीडिया पर इस तरह के दावों को बिना जांचे-परखे साझा करने से पहले स्रोत की विश्वसनीयता को परखना जरूरी है। (यह रिपोर्ट 29 फरवरी 2025 को नई दिल्ली से प्रकाशित की गई है।)

ये भी पढ़ें :- भारत-मध्य एशिया संबंधों को मजबूत करने पर कश्मीर सम्मेलन में चर्चा

Aniket
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