Delhi SAU पीड़ित छात्रा ने पुलिस को पीसीआर कॉल कर सूचना दी। फिलहाल उसकी मेडिकल जांच की जा रही है और “तथ्यों की पुष्टि” की जा रही है, पुलिस ने कहा।
Delhi SAU कैंटीन में महाशिवरात्रि पर भोजन को लेकर छात्रों के दो गुटों में भिड़ंत, बुधवार को दिल्ली स्थित दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (SAU) के कैंटीन में महाशिवरात्रि के दिन भोजन को लेकर छात्रों के दो गुटों में झड़प हो गई। इस दौरान एक छात्रा के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पीड़ित छात्रा ने पुलिस को पीसीआर कॉल कर मामले की जानकारी दी।
एबीवीपी का आरोप – धार्मिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश
एबीवीपी ने दावा किया कि उन्होंने मेस प्रशासन से उपवास रखने वाले छात्रों के लिए सात्विक भोजन की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था। उनका आरोप है कि वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई (SFI) ने जानबूझकर मेस में नॉन-वेज परोसकर विश्वविद्यालय के धार्मिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश की।
https://twitter.com/SfiDelhi/status/1894710890240352616
एबीवीपी दिल्ली प्रदेश सचिव सार्थक शर्मा ने कहा, “हर छात्र को अपनी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का पालन करने का अधिकार है और इस अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए। जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्वयं मेस में सात्विक भोजन की व्यवस्था की है, तब जबरन नॉन-वेज परोसना न केवल असंवेदनशीलता है बल्कि वैचारिक आतंकवाद भी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस कृत्य की कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि प्रशासन उन वामपंथी गुंडों पर सख्त कार्रवाई करे जिन्होंने इस सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ने और उपवास रखने वाले छात्रों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया।”
एसएफआई का पलटवार – एबीवीपी ने छात्रों पर किया हमला
दूसरी ओर, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने आरोप लगाया कि दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के छात्रों पर एबीवीपी के सदस्यों ने विश्वविद्यालय मेस में हमला किया। उन्होंने कहा, “एबीवीपी ने दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के छात्रों पर बर्बर हमला किया क्योंकि वे उनकी तानाशाही और अलोकतांत्रिक मांगों का पालन नहीं कर रहे थे कि महाशिवरात्रि के कारण मेस में नॉन-वेज नहीं परोसा जाए।”
एसएफआई ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय का मेस सभी के लिए एक साझा स्थान है और एक समुदाय के भोजन संबंधी नियमों को दूसरों पर थोपना “अलोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ” है।
उन्होंने आरोप लगाया कि “वीडियो में एबीवीपी के कार्यकर्ता छात्रों पर हाथ उठाते और उनके साथ मारपीट करते दिख रहे हैं। महिला छात्रों के बाल खींचकर उन्हें जमीन पर गिराया गया। उन्होंने मेस स्टाफ पर भी हमला किया क्योंकि उन्होंने नॉन-वेज परोसा था।”
एसएफआई ने चेतावनी दी कि एबीवीपी को जल्द रोका जाना चाहिए “अन्यथा वे विश्वविद्यालय में और हिंसा भड़काएंगे और आम छात्रों पर हमला जारी रखेंगे।”
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