उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 8,119 मृत व्यक्तियों के खातों में वृद्धावस्था पेंशन भेजी जा रही थी, जबकि 21 अन्य लाभार्थियों को अयोग्य पाया गया।
मरने के बाद भी जारी रही पेंशन! सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही उजागर
“क्या मरने के बाद भी पैसा कमाया जा सकता है?” यह सवाल भले ही अजीब लगे, लेकिन मुरादाबाद मंडल में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें हजारों मृत व्यक्तियों के खातों में पेंशन जारी होने का मामला सामने आया है।
जांच के दौरान पता चला कि वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 8,119 लाभार्थी अब इस दुनिया में नहीं हैं, फिर भी उनके बैंक खातों में नियमित रूप से पेंशन की रकम जमा हो रही थी। इसके अलावा, 21 अन्य लोगों को भी इस योजना के लिए अयोग्य पाया गया। हैरानी की बात यह है कि यह गड़बड़ी ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक स्तर तक किसी की नजर में नहीं आई।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, मुरादाबाद मंडल में कुल 2 लाख से अधिक बुजुर्ग वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। इस योजना के तहत सबसे अधिक लाभार्थी बिजनौर जिले में हैं, जहां 49,147 लोगों को पेंशन मिल रही है, जबकि सबसे कम लाभार्थी संभल जिले में हैं, जहां यह संख्या 23,372 है।
जांच पूरी होने के बाद अब पात्र लाभार्थियों की सूची अपडेट कर दी गई है और अयोग्य व्यक्तियों को योजना से बाहर कर दिया गया है।
जिलेवार मृत और अयोग्य लाभार्थियों की संख्या
- अमरोहा: 1,273 मृत, 12 अयोग्य
- बिजनौर: 2,375 मृत, 9 अयोग्य
- संभल: 874 मृत
सरकारी निर्देश के अनुसार, अब सभी खातों को आधार से जोड़ा जा रहा है और पेंशन की रकम केवल पात्र लाभार्थियों को ही भेजी जाएगी। विकास खंड स्तर पर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी अपात्र व्यक्ति को योजना का लाभ न मिले।
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