Budget 2025 से शिक्षा क्षेत्र को लेकर कई बड़े ऐलान होने की उम्मीद है। इस बार एजुकेशन सेक्टर को पिछले साल की तुलना में अधिक बजट मिल सकता है। पिछली बार छात्रों के लिए पीएम इंटर्नशिप स्कीम की शुरुआत की गई थी।
आज पेश होगा केंद्रीय बजट, शिक्षा और कौशल विकास पर रहेगा फोकस
आज, 1 फरवरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी। इस बार डिजिटल एजुकेशन, स्किल बेस्ड कोर्स और रोजगार को अधिक महत्व दिए जाने की संभावना है। इसके अलावा, शिक्षा क्षेत्र का कुल बजट पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ने की उम्मीद है। पिछले साल शिक्षा के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
भारत में स्कूली शिक्षा का हाल
बजट से पहले, 31 जनवरी को संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार:
भारत में कुल 14.72 लाख स्कूल हैं, जहां 24.8 करोड़ छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और 98 लाख शिक्षक कार्यरत हैं।
सरकारी स्कूलों में कुल 69% स्कूल, 50% छात्र, और 51% शिक्षक हैं।
निजी स्कूलों में 22.5% छात्र और 32.6% शिक्षक हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का लक्ष्य 2030 तक 100% सकल नामांकन अनुपात (GER) हासिल करना है।
पिछली बार शिक्षा क्षेत्र को कितना बजट मिला था?
स्कूल शिक्षा: 2023-24 में ₹68,804 करोड़ से बढ़ाकर 2024-25 में ₹73,008 करोड़ किया गया (4.2% की वृद्धि)।
उच्च शिक्षा: 2023-24 में ₹44,094 करोड़ से बढ़ाकर 2024-25 में ₹47,619 करोड़ किया गया (7.68% की वृद्धि)।
समग्र शिक्षा अभियान: सरकार ने ₹37,500 करोड़ आवंटित किए।
यूजीसी (UGC) का बजट हुआ था कम
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को 2024-25 के बजट में ₹2,500 करोड़ मिले, जबकि 2023-24 में इसे ₹5,360 करोड़ आवंटित किया गया था, जिसे बाद में ₹6,409 करोड़ कर दिया गया था।
पिछले बजट में पीएम इंटर्नशिप स्कीम का ऐलान किया गया था, जिसके तहत टॉप 500 कंपनियों में छात्रों को पेड इंटर्नशिप (₹5000 स्टाइपेंड) करने का मौका मिला।
बिना गारंटी के ₹10 लाख तक के एजुकेशन लोन की सुविधा भी दी गई थी।
अब देखना होगा कि बजट 2025 में शिक्षा क्षेत्र को कितनी नई योजनाएं और फंडिंग मिलती हैं!
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