Tuesday, February 18, 2025
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डॉ. के. ए. पॉल ने यूनियन बजट 2025-26 की तीखी आलोचना की, मोदी सरकार पर गरीबों और तेलुगू राज्यों की उपेक्षा का आरोप

नई दिल्ली, (न्यूज ऑफ द डे)

ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और ईवेंजलिस्ट डॉ. के. ए. पॉल ने आज यूनियन बजट 2025-26 की कड़ी आलोचना की, इसे गरीबों, बेरोजगारी और क्षेत्रीय विकास के मुद्दों की उपेक्षा करने वाला बताया। उन्होंने मोदी सरकार पर अमीरों के पक्ष में फैसले लेने का आरोप लगाया और कहा कि यह सरकार गरीबों की वास्तविक जरूरतों से नदारद है।

डॉ. पॉल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह अरबपतियों से उचित कर नहीं वसूल रही है, जबकि विकसित देशों में ऐसे लोग अपने कल्याण में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास गरीबों की मदद के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन भ्रष्टाचार और गलत प्रबंधन के कारण यह मदद उन तक नहीं पहुंच रही।

डॉ. पॉल ने बेरोजगारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि देश की 40% आबादी बेरोजगार है, लेकिन बजट में इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इसके अलावा, किसानों, स्वास्थ्य देखभाल और बच्चों की भलाई के लिए भी बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किए गए हैं।

तेलुगू राज्यों के संदर्भ में, डॉ. पॉल ने कहा कि सरकार ने गांवों के विकास के लिए ₹38,000 करोड़ की मांग को नकार दिया, जबकि इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। उन्होंने विशाखापत्तनम स्टील प्लांट को लेकर भी सरकार की आलोचना की, जो अब निजी कंपनियों को बेचा जा रहा है, बजाय इसके कि इसे पुनर्जीवित करने के लिए ₹25,000 करोड़ का निवेश किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के नए राजधानी के निर्माण के लिए ₹25,000 से ₹50,000 करोड़ का निवेश आवश्यक था, लेकिन बजट में इसके लिए कोई राशि नहीं दी गई। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए भी बजट में कोई राशि निर्धारित नहीं की गई है।

चीन से तुलना और क्षेत्रीय पक्षपाती रवैया
डॉ. पॉल ने भारत और चीन की आर्थिक स्थिति की तुलना करते हुए कहा कि 40 साल पहले दोनों देशों की जीडीपी लगभग समान थी, लेकिन आज चीन की जीडीपी $21 ट्रिलियन तक पहुंच चुकी है, जबकि भारत की जीडीपी केवल $3 ट्रिलियन है। उन्होंने इसे भारतीय राजनीतिक भ्रष्टाचार, दृष्टिहीनता और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने में नाकामी के कारण बताया।

उन्होंने बीजेपी सरकार पर गुजरात और अन्य बीजेपी शासित राज्यों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया, जबकि तेलुगू राज्यों को नजरअंदाज किया गया है। डॉ. पॉल ने इस बजट को “विनाशकारी” करार दिया और मोदी सरकार के खिलाफ लोगों को एकजुट होने का आह्वान किया।

डॉ. पॉल ने चेतावनी दी कि यदि अब भी तत्काल सुधार नहीं किए गए तो समाज के सबसे गरीब वर्ग—अनाथ, विधवा और दैनिक मजदूरी करने वाले लोग—जारी रहेंगे। उन्होंने अपनी कड़ी टिप्पणियों का समापन करते हुए कहा कि भारत को बचाने के लिए मोदी सरकार को हटाना जरूरी है।

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