प्रयागराज के संगम घाट पर 2025 के महाकुंभ मेले के दौरान माघी अमावस्या के पावन स्नान में मची भगदड़ में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को महाकुंभ के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें लगभग 14 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब माघी अमावस्या के पावन स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु संगम पर एकत्रित हुए थे।
अफरा-तफरी के बीच एक अवरोधक (बैरिकेड) गिरने से भारी भीड़ बेकाबू हो गई, जिसके कारण कई लोग कुचल गए और घायल हो गए। राहत और बचाव कार्य जारी है, और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन माने जाने वाले कुंभ मेले में पहले भी कई बार भगदड़ की घटनाएं हो चुकी हैं।
कुंभ मेले में हुए प्रमुख भगदड़ हादसे
1954: आज़ादी के बाद पहला कुंभ और भयानक हादसा
3 फरवरी 1954 को प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में कुंभ मेले के दौरान माघी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़े थे। इसी दौरान भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें लगभग 800 लोग कुचलकर या डूबकर मारे गए। यह स्वतंत्रता के बाद पहला कुंभ मेला था, जिसे एक बड़ी त्रासदी के रूप में याद किया जाता है।
1986: हरिद्वार में दर्दनाक भगदड़
हरिद्वार कुंभ मेले में हुई भगदड़ में कम से कम 200 लोगों की जान चली गई। बताया जाता है कि उस समय के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सांसदों के साथ हरिद्वार पहुंचे थे। सुरक्षा बलों द्वारा आम लोगों को गंगा किनारे जाने से रोकने पर भीड़ में अफरा-तफरी मच गई, जो भयावह भगदड़ में बदल गई।
2003: नासिक कुंभ में भगदड़
महाराष्ट्र के नासिक में 2003 के कुंभ मेले के दौरान हजारों श्रद्धालु गोदावरी नदी में स्नान के लिए एकत्रित हुए थे। इसी दौरान मची भगदड़ में 39 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक घायल हो गए।
2013: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़
10 फरवरी 2013 को प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर एक फुटओवर ब्रिज गिरने से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 42 लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक घायल हुए।
2025: संगम घाट पर फिर से त्रासदी
यह हादसा बुधवार तड़के करीब 2 बजे हुआ, जब लाखों श्रद्धालु संगम और 12 किमी लंबी नदी घाटियों पर स्नान के लिए उमड़ पड़े।
12 साल बाद आयोजित हो रहा महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हुआ था और 26 फरवरी तक चलेगा।
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