
नई दिल्ली, (न्यूज ऑफ द डे)
दिल्ली कैंट विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आगामी चुनावों के लिए मनीष सिंह की उम्मीदवारी के खिलाफ अपनी मजबूत आपत्ति दर्ज कराई है, और पार्टी नेतृत्व से ईमानदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखने की अपील की है। कार्यकर्ताओं ने मनीष सिंह के खिलाफ गंभीर आरोपों का उल्लेख किया, जिनमें बलात्कार, महिला उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और SC/ST अत्याचार अधिनियम के उल्लंघन शामिल हैं। ये आरोप दिल्ली और गुड़गांव में चल रही जांचों से समर्थन प्राप्त करते हैं और पार्टी में उनका प्रतिनिधित्व करने की उनकी उपयुक्तता पर गंभीर सवाल उठाते हैं। कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया कि दिल्ली कैंट बोर्ड में उनके कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके कारण उन्हें जल्द ही पद से हटा दिया गया था।
यह पहली बार नहीं है जब मनीष सिंह को पार्टी के भीतर विरोध का सामना करना पड़ा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इससे पहले भी वरिष्ठ नेताओं, जिनमें अजय भट्ट, राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं, को पत्र लिखकर यह बताया था कि मनीष सिंह का इतिहास बीजेपी के सिद्धांतों से मेल नहीं खाता, जो ईमानदार नेतृत्व और अच्छे प्रशासन का प्रतीक हैं। स्थानीय नेताओं ने भी आपत्ति जताई है, जिसमें भाजपा महिला मोर्चा की सदर कैंट की अध्यक्ष प्रतिभा जस्वाल ने मनीष सिंह पर ₹40 लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इसके अलावा, झीरा गांव के एक दलित दुकानदार हरिश ने भी SC/ST आयोग में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें मनीष सिंह पर उनकी दुकान छीनने का आरोप लगाया गया है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे संदिग्ध रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार को समर्थन देने से पार्टी की छवि को नुकसान होगा और महत्वपूर्ण मतदाताओं का विश्वास भी खो जाएगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि मनीष सिंह का आचरण बीजेपी के सिद्धांतों, जैसे पारदर्शिता, ईमानदारी और राष्ट्र सेवा, से मेल नहीं खाता। कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व से अपील की कि पार्टी की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए ऐसे उम्मीदवार को खारिज किया जाए और एक साफ-सुथरे और विश्वसनीय उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए।
दिल्ली कैंट सीट के उम्मीदवार के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है, और बीजेपी कार्यकर्ता आशा करते हैं कि उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जाएगा। उनका संदेश स्पष्ट है: बीजेपी की विरासत की रक्षा करने के लिए मनीष सिंह जैसे विवादित उम्मीदवारों को खारिज करना जरूरी है।