Tuesday, February 18, 2025
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लोहड़ी पूजा मुहूर्त 2025: इस समय लोहड़ी जलाना होगा शुभ और मंगलकारी

लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी 2025 को पूरे देश में, विशेष रूप से उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में, बड़ी धार्मिक आस्था और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस बार यह पर्व और भी खास है क्योंकि यह पौष पूर्णिमा के शुभ संयोग के साथ आ रहा है। आइए जानते हैं, लोहड़ी पूजन का शुभ समय, ताकि इसका अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके। किस समय लोहड़ी जलाने से समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली का आशीर्वाद मिलेगा?

लोहड़ी का महत्व और इसका पर्व

लोहड़ीपूजा का पर्व सूर्य के धनु से मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है, यानी यह सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का समय है। यह पर्व ऋतु परिवर्तन और रबी फसल के कटकर घर आने का उत्सव है। हर साल यह मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार नई ऊर्जा, नई सुबह और सर्दियों की विदाई की खुशी में मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन सूर्य दक्षिणायन की अंतिम रात होती है, जिसके बाद देवताओं का दिन आरंभ होता है।

लोहड़ी से जुड़ी पौराणिक कथा

लोहड़ी पूजा का संबंध द्वापर युग से भी जोड़ा जाता है। मान्यता है कि कंस ने भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए लोहिता नाम की एक राक्षसी भेजी थी। भगवान श्रीकृष्ण ने उस राक्षसी का वध किया। इस खुशी में लोगों ने अग्नि जलाकर नृत्य, गान और वादन किया। तभी से लोहड़ी का पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई।

पंजाब की लोहड़ी की खासियत

पंजाब में लोहड़ी का एक और खास महत्व है। यह दुल्ला भट्टी की बहादुरी को याद करने का दिन भी है। दुल्ला भट्टी ने कमजोरों और पीड़ितों की मदद की। उन्होंने सुंदरी और मुंदरी नाम की दो ब्राह्मण कन्याओं की शादी मुगल सूबेदार के चंगुल से बचाकर जंगल में लोहड़ी की आग जलाकर करवाई। इस घटना के बाद से लोग दुल्ला भट्टी को याद करते हुए गीत गाते हैं और भंगड़ा-गिद्दा नृत्य करते हैं।

लोहड़ी की परंपराएं और मान्यताएं

लोहड़ी की आग में रबी की फसल, मूंगफली, मक्के के दाने, रेवड़ियां और गेहूं की बालियां डालने की परंपरा है। माना जाता है कि इससे सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। पंजाब में इस दिन गन्ने के रस की खीर बनाकर अगले दिन खाने की भी मान्यता है।

लोहड़ी पूजन और अग्नि प्रज्वलन का शुभ मुहूर्त

लोहड़ी की अग्नि प्रदोष काल में प्रज्वलित करना शुभ माना जाता है। इस साल सूर्यास्त शाम 5:45 बजे होगा। सूर्यास्त से लेकर दो घंटे तक का समय, यानी शाम 5:44 से 7:25 तक, लोहड़ी पूजन और अग्नि प्रज्वलन के लिए शुभ है।

लोहड़ी पूजा की विधि

  1. लोहड़ी के दिन लकड़ियां इकट्ठा करके अग्नि वेदी तैयार करें।
  2. लकड़ियों पर गंगाजल या पवित्र जल छिड़ककर शुद्ध करें।
  3. हल्दी, अक्षत और कुमकुम अर्पित करें।
  4. अग्नि प्रज्वलित करके उसकी परिक्रमा करें।
  5. गेहूं की बालियां, गजक, मूंगफली, और मक्का अग्नि में अर्पित करें।
  6. सुख-शांति और समृद्धि की कामना करें।
  7. छोटे बच्चों को अग्नि का धुआं जरूर लगाएं, इससे नजर दोष दूर होता है और स्वास्थ्य लाभ होता है।
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