
जब जज और आईएएस 62-65 की उम्र में रिटायर हो जाते हैं, तो नेता 75 के बाद क्यों बने रहते हैं: डॉ. के.ए. पॉल
नई दिल्ली, (न्यूज ऑफ द डे)
आंध्र भवन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में शांति कार्यकर्ता और नेता डॉ. के.ए. पॉल ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर तिरुपति में हुई भगदड़ से हुई मौतों के लिए जिम्मेदारी लेने को कहा। उन्होंने कहा कि इस घटना में 40 लोगों की जान गई, जिनमें 6 श्रद्धालु भी शामिल थे। डॉ. पॉल ने मुख्यमंत्री से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है।
डॉ. पॉल ने कहा, “चंद्रबाबू नायडू अपनी लापरवाही और राजनीतिक रैलियों में व्यस्तता के कारण लोगों की जान बचाने में नाकाम रहे हैं। उन्हें इस पद पर बने रहने का हक नहीं है और तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।”
उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में हुई पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि तिरुपति त्रासदी कोई पहली घटना नहीं है:
- पुष्करालु हादसा (2019): गोदावरी महा पुष्करालु में भीड़ नियंत्रण में लापरवाही के चलते 23 लोगों की मौत हो गई थी। डॉ. पॉल ने इसे मुख्यमंत्री के खराब प्रबंधन का नतीजा बताया।
- कंडुकुर रैली हादसा (2022): दिसंबर में एक छोटी जगह पर रैली आयोजित की गई, जिसमें भीड़भाड़ से 8 लोगों की मौत हो गई।
- गुंटूर रैली हादसा (2023): कंडुकुर हादसे के कुछ ही दिन बाद गुंटूर की रैली में सुरक्षा की अनदेखी के चलते 3 लोगों की जान चली गई।
- तारक रत्न की मौत (2023): एनटीआर के पोते और टीडीपी नेता तारक रत्न की रैली में अचानक हुई मौत ने तेलुगु समुदाय को झकझोर दिया।
- तिरुपति मंदिर हादसा (2025): हाल ही में तिरुपति मंदिर में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। डॉ. पॉल ने आरोप लगाया कि मंदिर से हर साल 1,000 करोड़ रुपये की आय होने के बावजूद सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए।
डॉ. पॉल ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू जनता के मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय राजनीतिक रैलियों में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या और विशाखापट्टनम स्टील प्लांट की बिक्री जैसे बड़े मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया है।
डॉ. पॉल ने उम्र का सवाल उठाते हुए कहा, “जब जज और आईएएस अधिकारी 62-65 की उम्र में रिटायर हो जाते हैं, तो नेता 75 की उम्र के बाद पद पर क्यों बने रहते हैं? चंद्रबाबू नायडू को इस्तीफा देकर युवाओं को मौका देना चाहिए।”
अंत में, उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) से अपील की कि वह चंद्रबाबू नायडू की जगह किसी और सक्षम नेता को मौका दें। उन्होंने एनमाला रामकृष्णुडु या पार्टी के अन्य योग्य नेताओं का नाम सुझाया ताकि जनता का भरोसा फिर से जीता जा सके।