दिल्ली के 11 जिलों में से केवल मध्य जिले की स्थिति थोड़ी संतोषजनक है, जबकि बाकी दस जिले गंभीर और अति गंभीर श्रेणी में हैं। राजधानी में कुल भूजल संसाधन का 100% से अधिक का दोहन हो चुका है।
दिल्ली में भूजल की स्थिति चिंताजनक पानी के अंधाधुंध उपयोग में राजधानी के लोग काफी आगे हैं। केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) की 2024 की रिपोर्ट ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्लीवासी भूजल का तेजी से दोहन कर रहे हैं।
2024 में दिल्ली में कुल भूजल संसाधन का 100.77% दोहन किया गया। इस दौरान, दोहन योग्य वार्षिक भूजल रिचार्ज 344 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) से घटकर 341.90 एमसीएम रह गया।
भूजल दोहन में लगातार बढ़ोतरी
2024 में दिल्ली का शुद्ध वार्षिक भूजल रिचार्ज 0.38 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) आंका गया, जिसमें से 0.34 बीसीएम निकासी के लिए उपलब्ध था। हालांकि, इससे अधिक जल का दोहन किया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 100.77% भूजल का उपयोग हुआ, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 99.13% था।
भूजल आकलन और श्रेणियां
सीजीडब्ल्यूबी ने दिल्ली की 34 तहसीलों में भूजल की स्थिति का आकलन किया। इनमें:
- 14 इकाइयां (41.18%) अति गंभीर श्रेणी में हैं।
- 13 इकाइयां (38.24%) गंभीर श्रेणी में हैं।
- दो इकाइयां (5.88%) अर्ध गंभीर श्रेणी में हैं।
- पांच इकाइयां (14.71%) सुरक्षित मानी गई हैं।
2023 में अति गंभीर इकाइयों की संख्या 12 थी, जो 2024 में बढ़कर 14 हो गई।
कहां है सबसे ज्यादा खतरा?
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के छह जिलों में भूजल की स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक है। ये जिले हैं:
- दक्षिणी दिल्ली
- नई दिल्ली
- उत्तरी दिल्ली
- पूर्वी दिल्ली
- शाहदरा
- उत्तर पूर्वी दिल्ली
इसके अलावा, पश्चिमी, दक्षिण पूर्वी, दक्षिण पश्चिमी और उत्तरी पश्चिमी जिलों के कई हिस्से गंभीर श्रेणी में हैं। केवल मध्य जिला ऐसी जगह है, जहां स्थिति संतोषजनक है। मध्य जिले की तीन तहसीलों में से दो सुरक्षित हैं, जबकि एक अर्ध गंभीर श्रेणी में है।
निष्कर्ष
भूजल का अति दोहन दिल्ली के लिए एक बड़ा संकट बनता जा रहा है। समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
ये भी पढ़ें :- डॉ. के. ए. पॉल का नववर्ष संदेश: तेलंगाना की तरक्की के लिए एकता और ठोस कदम की जरूरत