दिल्ली स्कूल बम धमकी: ईमेल के जरिए मिली धमकी, स्कूल प्रशासन ने छात्रों को घर भेजा।
दिल्ली स्कूल बम धमकी की खबर: राष्ट्रीय राजधानी के 40 से अधिक स्कूलों को ईमेल के माध्यम से “फर्जी” बम धमकी मिली, जिससे स्कूल प्रशासन ने बच्चों को उनके घर भेजने का निर्णय लिया। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने धमकी को “फर्जी” घोषित किया, क्योंकि कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
जिन स्कूलों को धमकी मिली, उनमें आरके पुरम का डीपीएस, पश्चिम विहार का जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल, मदर मैरी स्कूल, ब्रिटिश स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल और कैम्ब्रिज स्कूल शामिल हैं।
स्कूलों को मिले ईमेल में लिखा था, “मैंने स्कूल की इमारतों में कई बम लगाए हैं। ये बम छोटे और बहुत अच्छी तरह छिपाए गए हैं। ये इमारत को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन बम फटने पर कई लोग घायल हो जाएंगे। अगर मुझे 25,42,032 नहीं मिले, तो मैं बम विस्फोट कर दूंगा।”
मुख्यमंत्री आतिशी की प्रतिक्रिया
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है, अपनी “एकमात्र जिम्मेदारी” निभाने में विफल रही है।
उन्होंने हिंदी में एक्स पर लिखा, “दिल्ली में जबरन वसूली, हत्याओं और गोलीबारी की घटनाओं के बाद, अब स्कूलों को बम धमकियां मिल रही हैं। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति कभी इतनी खराब नहीं रही। बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दिल्ली की सुरक्षा प्रदान करने की अपनी एकमात्र जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह विफल रही है।”
हाई कोर्ट ने बम धमकियों से निपटने के लिए एसओपी बनाने का आदेश दिया
19 नवंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वे बम धमकियों और संबंधित आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक विस्तृत कार्रवाई योजना और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करें। कोर्ट ने यह कार्य आठ हफ्तों के भीतर पूरा करने का आदेश दिया।
एसओपी में सभी संबंधित पक्षों—कानून प्रवर्तन एजेंसियों, स्कूल प्रशासन और नगर निगम निकायों—की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से निर्धारित होनी चाहिए, ताकि समन्वय और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।
न्यायमूर्ति संजीव नरूला की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता अर्पित भार्गव द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को स्कूल प्रतिनिधियों, नगर निगम अधिकारियों और अन्य विभागों के साथ मिलकर इस कार्रवाई योजना को तैयार करने का निर्देश दिया।
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