33 साल की सेवा और 56 तबादलों का सामना करने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को अब हरियाणा सरकार ने परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) के रूप में नियुक्त किया है। 1991 बैच के अधिकारी खेमका अपनी ईमानदारी और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। यह उनका करियर का अंतिम महत्वपूर्ण पद हो सकता है, क्योंकि वे अप्रैल 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
56 तबादलों का रिकॉर्ड
अशोक खेमका को उनकी 33 साल की सेवा के दौरान 56 बार तबादला किया गया, जो हरियाणा में किसी भी अन्य अधिकारी के मुकाबले दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी प्रदीप कासनी हैं।
खेमका के इस नए पद ने अटकलें तेज कर दी हैं कि क्या यह उनकी आखिरी पोस्टिंग उनके करियर का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय साबित होगी?
परिवहन विभाग में वापसी
खेमका करीब एक दशक बाद परिवहन विभाग में लौटे हैं। इससे पहले वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पहले कार्यकाल में परिवहन आयुक्त के रूप में कार्यरत थे।
उनके उस कार्यकाल को याद किया जाता है जब उन्होंने बड़े ट्रकों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने पर जोर दिया था। इस कदम के कारण ट्रक मालिकों की हड़ताल हो गई थी। हालांकि, यह हड़ताल तब खत्म हुई जब सरकार ने राष्ट्रीय मानकों के अनुपालन के लिए समय सीमा बढ़ा दी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
अशोक खेमका हमेशा पारदर्शिता और भ्रष्टाचार विरोधी सुधारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई बार भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए सख्त कदम उठाने की पेशकश की, यहां तक कि सतर्कता विभाग का नेतृत्व करने की भी इच्छा जताई। लेकिन अक्सर उन्हें ऐसे विभागों में भेजा गया, जो कम प्रभावशाली माने जाते हैं।
क्या होगा उनकी अंतिम पोस्टिंग का असर?
परिवहन विभाग में ACS के रूप में खेमका की यह पोस्टिंग बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। क्या वे अपने इस अंतिम कार्यकाल में परिवहन क्षेत्र में सुधार ला पाएंगे, या यह भी उनके अस्थिर और विवादास्पद करियर का एक और अध्याय बनकर रह जाएगा, यह आने वाला समय बताएगा।
खेमका पर निगाहें
खेमका के करियर की सबसे बड़ी विशेषता उनकी हर छह महीने में नई जिम्मेदारी का औसत है। उनकी अंतिम पोस्टिंग से न केवल हरियाणा सरकार बल्कि जनता को भी बड़ी उम्मीदें हैं।
क्या यह पद खेमका के सुधारवादी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का अवसर देगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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