हैदराबाद, (न्यूज ऑफ द डे)
आंध्र प्रदेश के लिए न्याय की रक्षा के लिए डॉ. के. ए. पॉल, प्रजा शांति पार्टी के अध्यक्ष, ने तीन महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दों पर निर्णायक कदम उठाए हैं। इनमें चुनाव धोखाधड़ी, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट की रक्षा और राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा (SCS) दिलाने के लिए उनकी कानूनी लड़ाई शामिल है।
विशाखापत्तनम लोकसभा चुनाव में धांधली के आरोप
डॉ. के. ए. पॉल ने 2019 और इसके बाद के लोकसभा चुनावों में विशाखापत्तनम निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग, आंध्र प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और विशाखापत्तनम कलेक्टर पर मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा में विफल रहने और न्यायालय के आदेशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। विशेष रूप से, उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में गड़बड़ी और भाजपा-टीडीपी उम्मीदवार की वोटों में अत्यधिक वृद्धि को लेकर चिंता जताई।
डॉ. पॉल ने ईवीएम को असंवेदनशील और असुरक्षित बताया और इस प्रणाली को 180 से अधिक लोकतांत्रिक देशों द्वारा नकारे जाने का हवाला दिया। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर भी सवाल उठाए हैं और पूरी स्थिति की न्यायिक जांच की मांग की है। इस मामले में अदालत ने चुनाव आयोग और अन्य प्रतिवादियों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का समय दिया है।
विशाखापत्तनम स्टील प्लांट की रक्षा
डॉ. पॉल ने विशाखापत्तनम स्टील प्लांट की बिक्री और प्राइवेटाइजेशन को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था और जनता के हित में नहीं होगा। उन्होंने भारतीय रेल, एयरलाइंस, बैंकों और एलआईसी जैसी राष्ट्रीय संपत्तियों की बिक्री का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी कि इसी तरह की प्राइवेटाइजेशन नीतियां देश और राज्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्टील प्लांट के प्राइवेटाइजेशन पर स्थगन आदेश जारी रखते हुए इसे सार्वजनिक संपत्ति के रूप में संरक्षित किया है।
आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा (SCS)
आंध्र प्रदेश के लिए विशेष श्रेणी का दर्जे (SCS) की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। डॉ. पॉल ने उच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर अपनी याचिका दाखिल की है और केंद्र सरकार पर राज्य के साथ किए गए वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विशेष श्रेणी का दर्जा राज्य को कर छूट, निवेश के अवसर और वित्तीय राहत प्रदान कर सकता है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद मिल सकती है। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 11 दिसंबर, 2024 को केंद्र और राज्य सरकारों को इस मामले पर जवाब देने के लिए समय दिया है।
डॉ. के. ए. पॉल का न्याय के प्रति दृढ़ संकल्प
डॉ. के. ए. पॉल ने इन कानूनी लड़ाइयों के माध्यम से नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा, सार्वजनिक संस्थाओं की जवाबदेही और आंध्र प्रदेश के आर्थिक न्याय की आवश्यकता को प्रमुखता दी है। उन्होंने न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह लड़ाई न सिर्फ आंध्र प्रदेश के लिए, बल्कि भारतीय लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। डॉ. पॉल ने आंध्र प्रदेश के नागरिकों से न्याय की इस लड़ाई में समर्थन की अपील की है, ताकि राज्य के हितों की रक्षा हो सके और राज्य की तरक्की के लिए न्यायपूर्ण निर्णय लिया जा सके।