नई दिल्ली।
राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने नेशनल प्रेस डे के अवसर पर नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 22 देशों के पत्रकारों ने भाग लिया और प्रेस को संविधान में चौथे स्तंभ का दर्जा देने की मांग उठाई। पत्रकारिता से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने फेक न्यूज़ और पेड न्यूज़ के बढ़ते खतरे पर चिंता जाहिर की और केंद्र सरकार से पत्रकारों की मांगों पर विचार करने की अपील की।
कार्यक्रम में पत्रकार सुशील शर्मा ने कहा, “देश को आज़ाद हुए 75 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन पत्रकारों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। भारत जैसे लोकतंत्र में, जहाँ प्रेस को चौथा स्तंभ माना जाता है, उसे संविधान में उचित स्थान दिया जाना चाहिए। वर्तमान समय में भारत पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की सूची में शामिल है। अब समय आ चुका है कि मोदी सरकार पत्रकारों के लिए ठोस कदम उठाए और उनकी मांगों को पूरा करे।”
कार्यक्रम में उड़ीसा के जाजपुर से राज्यसभा सांसद रबिंद्र नारायण बेहरा ने कहा, “देश के लोकतंत्र के लिए प्रेस का चौथा स्तंभ होना बेहद ज़रूरी है। पत्रकारों की मांगों पर सरकार को गहराई से विचार करना चाहिए। पत्रकार सच्चाई के योद्धा हैं, और उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करते रहना चाहिए। हम उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करते हैं।”
कार्यक्रम के विशेष अतिथि और भारत सरकार से रिटायर्ड पीआईबी निदेशक के.एस. दतवालिया ने अपने संबोधन में कहा, “पत्रकारों पर देश की जनता का विश्वास है। उन्हें सच्चाई और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। पत्रकारों की मांगों को पूरा किया जाना चाहिए और इस दिशा में सरकार को सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।”
राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पवित्र मोहन सामंत राय ने कहा कि पत्रकारों की मांगों को लेकर संगठन ग्राउंड लेवल पर काम करेगा। उन्होंने कहा, “हम सभी के सहयोग से देशभर में पत्रकारों के लिए आंदोलन को मज़बूत करेंगे।”
कार्यक्रम में वक्ताओं ने फेक न्यूज़ और पेड न्यूज़ के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई और पत्रकारों को संविधान में चौथे स्तंभ का दर्जा देने की मांग की। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया गया और उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र का आयोजन प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक किया गया। यहां 84 वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किए और पत्रकारिता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही पत्रकारों की मांगों पर विचार नहीं किया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
आईएफएसएमएन के चेयरमैन अरुण गोयल ने इस आयोजन को 40 वर्षों में सबसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन कर प्रेस को चौथे स्तंभ के रूप में मान्यता देनी चाहिए।”
कार्यक्रम में दिल्ली, हरियाणा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित विभिन्न राज्यों से आए पत्रकारों ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को अब सड़क पर उतरकर अपनी मांगों के लिए संघर्ष करना होगा।
कार्यक्रम का समापन सुशील शर्मा द्वारा सभी अतिथियों और पत्रकारों का आभार व्यक्त करने के साथ हुआ। अंत में सभी को डिनर के लिए आमंत्रित किया गया।
भविष्य के आंदोलन की तैयारी
राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने घोषणा की है कि अगर पत्रकारों की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो जंतर मंतर पर बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। महासंघ ने प्रधानमंत्री को संबोधित मांगपत्र सौंपते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की है।
उपस्थित पत्रकार:
इस ऐतिहासिक आयोजन में देशभर से वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया के साथी उपस्थित रहे, जिनमें सुशील शर्मा, वीरेंद्र सैनी, जगदीश यादव, संजय राय, धीरेंद्र जायसवाल, पंकज मिस्त्री, प्रियव्रत नायक, और अन्य गणमान्य पत्रकार शामिल थे।